सोनभद्र

Sonbhadra News : अंतर्जनपदीय तबादले में सोनभद्र को मिली मायूसी, मात्र 37 शिक्षकों की हुई घर वापसी

आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)

० अंतर्जनपदीय तबादला प्रक्रिया में सोनभद्र से 437 शिक्षकों का हुआ गैर जनपद स्थानांतरण

० कैंसर, हार्ट सर्जरी जैसे असाध्य रोगों से ग्रसित शिक्षकों का तबादला सूची से नाम गायब

० भड़के शिक्षक बोले, न्याय के लिए खटखटाएंगे हाईकोर्ट का दरवाजा

सोनभद्र । आखिरकार तीन महीने से बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही अन्तरजनपदीय तबादला प्रक्रिया को ठौर मिल ही गया। बार-बार तिथि बदलाव के बाद सोमवार देर शाम बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से तबादला सूची (Transfer List) जारी की गई। हालांकि इस तबादले में सोनभद्र जिले को मायूसी ही हांथ लगी है, वहीं लगातार शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहे सोनभद्र से 437 शिक्षकों (Teacher) का गैर जनपद तबादला हुआ है जबकि मात्र 37 शिक्षकों की ही सोनभद्र वापसी हो पाई है। तबादला प्रक्रिया में ज्यादातर महिला शिक्षकाएं लाभान्वित हुई हैं। वहीं तबादला सूची जारी होने के बाद कैंसर, हार्ट सर्जरी जैसे असाध्य रोग को बेस बनाकर तबादला पाने की चाहत रखने वाले शिक्षकों का नाम नहीं होने से उनके चेहरे पर उदासी छा गई और वो अपनी व्यथा लेकर मंगलवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे लेकिन वहां भी उन्हें मायूसी ही हांथ लगी। बीएसए ने मेडिकल बोर्ड के रिपोर्ट का हवाला देते हुए किसी भी मदद से साफ इंकार कर दिया। वहीं शिक्षकों ने मेडिकल बोर्ड के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही।

सोनभद्र जैसे आकांक्षी जनपद में पहले से ही शिक्षा का हाल किसी से छिपी नहीं है। पहले से ही कई विद्यालय अध्यापक विहीन हैं तो वहीं कई विद्यालयों में शिक्षकों के न जाने की शिकायत मिलती रही है, ऐसे में पहले से ही शिक्षकों की समस्या से जूझ रहे हैं सोनभद्र के लिए अंतर्जनपदीय तबदला ने एक और संकट खड़ा कर दिया है। पिछले सीजन में उच्च न्यायलय के आदेश के बाद लगभग 400 शिक्षकों का गैर जनपद भेजा गया था। जिसके बाद एक बार फिर 437 शिक्षकों का दूसरे जिलों में स्थानांतरण होना और उसके सापेक्ष मात्र 37 शिक्षकों की सोनभद्र वापसी बेसिक शिक्षा विभाग के लिए मुसीबत खड़ी करती दिख रही है।

https://janpadnewslive.com/2023/06/28/17310/

वहीं बीएसए हरिवंश कुमार ने कहा कि “जिले में 9500 शिक्षकों के सापेक्ष 4500 शिक्षक कार्यरत थे लेकिन अंतर्जनपदीय तबादला सूची जारी होने के बाद 400 शिक्षक और कम हो जायेंगे। शिक्षकों की कमी तो निश्चित तौर पर है, इसके बावजूद शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की मदद से वह जिले से सभी 2061 परिषदीय विद्यालयों का संचालन कराएंगे।”

बहरहाल प्रदेश सरकार भले ही बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ “सब पढ़ें-सब बढ़ें” का नारा लगा रही हो मगर जिस तरह से प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में नीतियां बनाई है उससे न तो बच्चे बढ़ पाएंगे और न ही पढ़ पाएंगे। ऐसे में जरूरत है सरकार को तबादला नीति में बदलाव करने की ताकि किसी भी जनपद को शिक्षकों की कमी से न जूझना पड़े।

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