बुधवार को लखनऊ की कोर्ट में हुई कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद उसका शव शामली जनपद स्थित उसके पैतृक गांव लाया गया, जहां पर उसकी ही पैतृक जमीन में उसके बड़े बेटे तुषार ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया । इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था हेतु भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा और अंतिम संस्कार की यात्रा में केवल गिने-चुने व्यक्तियों को ही जाने की अनुमति दी गई । हालांकि इस बात को लेकर कई बार ग्रामीणों ने हंगामा तक किया।
दरअसल आपको बता दें कि बुधवार को लखनऊ की कोर्ट में पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । गुरुवार की दोपहर करीब 2:30 संजीव जीवा का शव शामली जनपद के थाना बाबरी क्षेत्र के गांव आदमपुर स्थित उनके पैतृक आवास पर पहुंचा । शव के पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया । संजीव जीवा के पैतृक आवास पर सबसे पहले उसकी मां कुंती, सास राज शर्मा व उसका भाई राजीव पहुंचे । जिसके कुछ ही समय के बाद संजीव जीवा के चारों बच्चे भी अपने पैतृक आवास पहुंच गए । सबके पहुंचने के बाद केवल परिजनों व रिश्तेदारों को ही अंतिम यात्रा में साथ चलने की अनुमति दी गई थी । प्रशासनिक अधिकारी बार-बार सात आए लोगों के भी आधार कार्ड तक चेक कर रहे थे और 25 व्यक्तियों को ही अंतिम संस्कार की इस यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी गई । गांव आदमपुर स्थिति उनकी पैतृक जमीन पर ही संजीव जीवा का अंतिम संस्कार किया गया । जहां उनके बेटे तुषार ने मुखाग्नि देकर इस रस्म क्रिया को पूरा किया।
संजीव जीवा के गांव आदमपुर में सुबह से ही भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी । पीएससी की एक कंपनी के अलावा जनपद की 5 थानों की फोर्स के साथ खुद एएसपी ओपी सिंह गांव में जमे रहे । संजीव जीवा के घर पर केवल रिश्तेदारों को जाने की अनुमति दी गई । जैसे ही संजीव जीवा का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो ग्रामीण भी उसके अंतिम दर्शन करना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक न चली । इस बात को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा किया और अपना विरोध प्रकट कर नाराजगी जताई।