पोस्ट में ख़ास
- सोनभद्र का इतिहास
- पर्यटन की दृष्टि से सोनभद्र क्यों है ख़ास
- अर्थव्यवस्था की दृष्टि से मजबूत सोनभद्र
सोनभद्र जिले के बारे में – About District Sonbhadra
History of Sonbhadra : सोनभद्र उत्तर प्रदेश का एक ऐसा जिला जो चार राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के सीमा से लगा है । इसके अलावा सोनभद्र उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला भी है। पॉवर हब होने की वजह से सोनभद्र को भारत की ऊर्जा राजधानी भी कहा जाता है ।
इतिहास के बारे में – History of Sonbhadra
धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी सोनभद्र काफी महत्वपूर्ण व प्रचलित है । रामायण और महाभारत के साक्ष्य के आधार पर यहां मिले हुयेन सांस्कृतिक प्रतीक हैं। किदवंतियों के अनुसार जरासंध द्वारा महाभारत युद्ध में कई शासकों को यहां कैदी बनाए रखा गया था।
सोनभद्र में पंचमुखी पहाड़ी से लेकर महुरिया के जंगल में गुफाओं में भित्ति चित्र भी देखे जा सकते हैं । जिससे उस काल की सभ्यता का पता चलता है ।
पर्यटन की दृष्टि से – From tourism point of view
पर्यटन के दृष्टि से भी सोनभद्र(Sonbhadra) काफी महत्वपूर्ण है। कभी नेहरू ने सोनभद्र की खूबसूरती को देखकर कहा था कि यह देश का स्विट्जरलैंड(Switzerland of India) बनेगा ।
सरकारें चाहे किसी की रही हो, सभी ने सोनभद्र में आकर यहां की तारीफ की और कहा कि सोनभद्र की खूबसूरती को देखते हुए इसे पर्यटन में शामिल किया जाना चाहिए । हालांकि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की वजह से आज तक यह जिला उपेक्षित है ।
यहां पर मौजूद बनारस के राजा चैत सिंह द्वारा शासित विजयगढ़ किला(Vijaygarh Fort) हो या फिर मदन शाह द्वारा शासित अगोरी किला(Agori fort sonebhadra) या बीर लोरिक(Veer lorik) की कहानी से जुड़ा लोरिक पत्थर पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है । इसके अलावा शिवद्वार मंदिर में स्थापित शिव-उमा की एक ऐसी प्रतिमा जो देखते ही बनता है । ऐसी प्रतिमा भारत में कहीं और नहीं मिलेगा ।
इसके अलावा पिपरी में स्थित रिहन्द डैम(Rihand Dam located in Pipari), मुक्खा फाल व मिनी गोवा अबाड़ी भी बेहद खूबसूरत है जो हर मौसम में लोगों को आकर्षित करता है। इसके अलावा महुरिया के जंगल में भी काला हिरन व अन्य जीव-जंतु पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं ।
इसके अलावा सोनभद्र के सलखन में मौजूद फॉसिल्स पार्क लोगों को तथा शोककर्ताओं को अपनी तरफ काफी आकर्षित करता है । लगभग 150 करोड़ वर्ष पुराने फॉसिल्स को लेकर कहा जाता है कि फॉसिल्स वहीं पाया जाता है जहां कभी समुद्र हुआ करती थी । सोनभद्र में मौजूद फॉसिल्स अमेरिका में मौजूद के फॉसिल्स से कहीं ज्यादा मात्रा में है । History of Sonebhadra
अर्थव्यवस्था की दृष्टि से मजबूत सोनभद्र – Sonbhadra strong from the point of view of economy
सोनभद्र के दक्षिणी क्षेत्र को “भारत की ऊर्जा राजधानी” कहा जाता है, इस क्षेत्र में गोविंद बल्लभ पंत सागर(Govind Ballabh Pant Sagar) के आसपास कई विद्युत पावर स्टेशन हैं।जिसमें एनटीपीसी, अनपरा, लैंको बिजली परियोजना है । इसके अलावा सोनभद्र के पिपरी में जल प्रपात से बिजली तैयार किया जाता है और वहीं रेनुकुट में हिंडाल्को का एक बड़ा एल्यूमीनियम प्लांट(Hindalco Aluminum Plant) भी है। इसके अलावा ओबरा में पावर प्लांट मौजूद है जबकि डाला में अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट व चुर्क में डालमिया की फैक्टी देश की अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती प्रदान करती है ।
तमाम बड़ी-बड़ी परियोजनाओं के अलावा सोनभद्र में कोयला, पत्थर व बालू के अपार भंडार हैं जो प्रदेश ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती है ।
आदिवासी बाहुल्य जनपद सोनभद्र को देखकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि यदि सोनभद्र को नजदीक से जानना हो तो आदिवासियों के बीच बैठना होगा । History of Sonebhadra
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