Sonbhadra News : पशुधन जनगणना का कार्य पूर्ण, कुक्कूट पक्षियों को संख्या में पांच गुना इजाफा
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि 21वीं पशुधन गणना का कार्य 25 अक्टूबर 2024 को शुरू किया गया था इस गणना के माध्यम से प्राप्त आंकड़े पशुधन क्षेत्र में विकास और....

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7:15 PM, May 9, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि 21वीं पशुधन गणना का कार्य 25 अक्टूबर 2024 को शुरू किया गया था इस गणना के माध्यम से प्राप्त आंकड़े पशुधन क्षेत्र में विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जनपद में चल रहे पशु गणना का कार्य पिछले दिनों पूरा हो गया।
इस दौरान जनपद के कुल 1563 गांव एवं वार्ड में पशु गणना का कार्य पूरा किया गया, इन गांवों एवं वार्ड में कुल लाख सात हजार पांच सौ उनसठ परिवारों की संख्या थी जों पिछली गणना से 10 प्रतिशत अधिक है। इन परिवारों के बीच जानवरों की कुल संख्या आठ लाख छब्बीस हजार तीन सौ पायी गई, जो पिछली गणना के सापेक्ष 86.89 ही रही।
वहीं गणना में पोल्ट्री फार्म की बात करें तो इनकी संख्या में काफी वृद्धि पाई गई है, जनपद में पोल्ट्री फार्म एवं मुर्गी पलकों की संख्या में काफी वृद्धि दर्ज की गई। कुक्कुट पक्षियों की पिछली गणना एक लाख एक्यावन हजार चार सौ चौवालिस में पांच गुना वृद्धि दर्ज की गई है। इस बार की गणना में कुक्कूट पक्षियों की संख्या कुल सात लाख पच्चासी हजार छः सौ चौतिस पायी गई। सरकार द्वारा लगातार बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है जिससे इस बार पशुपालकों की संख्या में भी इजाफा हुआ जिनमें खास तौर पर पोल्ट्री फार्म की संख्या बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि पशुधन गणना के बारे में विस्तार से बताते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि पशुधन गणना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें देश में पशुओं की संख्या और उनकी नस्लों का विवरण इकट्ठा किया जाता है। यह गणना पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा हर पांच साल में की जाती है, जिसका उद्देश्य पशुधन क्षेत्र में विकास और कल्याण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं और पहलों के लिए मूल्यवान इनपुट प्रदान करना है। गणना में पालतू जानवरों की 15 प्रजातियों को शामिल किया जाता है। गणना में पशुओं की विभिन्न नस्लों का विवरण भी इकट्ठा किया जाता है, जिससे उनकी संरक्षण और प्रजनन कार्यक्रमों के लिए मदद मिलती है। पशुधन गणना के आंकड़े पशुधन क्षेत्र में आर्थिक विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।