Sonbhadra News : आयुष हॉस्पिटल में अघोषित बिजली कटौती से जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित, इलाज के बगैर लौट रहे मरीज
स्थित 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय में पिछले दो सप्ताह से बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था न होने से समस्या बनी हुई है। बत्ती गुल होते ही यहां अंधेरा छा जाता है साथ ही बिजली पर निर्भर जरूरी स्वास्थ्य..

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1:08 AM, November 30, 2024
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
• आये दिन जनप्रतिनिधियों का इलाज के लिए होता है आना-जाना लेकिन दुर्व्यवस्था से नहीं होता सरोकार
• सपा ने सरकारी तंत्र व सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
सोनभद्र । लोढ़ी स्थित 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय में पिछले दो सप्ताह से बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था न होने से समस्या बनी हुई है। बत्ती गुल होते ही यहां अंधेरा छा जाता है साथ ही बिजली पर निर्भर जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं जैसे फिजियोथेरेपी, पंचकर्म और पैथॉलाजी भी प्रभावित हो रही हैं। दूर-दूर से मरीज बेहतर उपचार की आस लेकर आते हैं, जिन्हें घंटों बैठकर बिजली आने का इंतजार करना पड़ता है। वहीं चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि उच्चाधिकारियों तथा बिजली विभाग को बिजली आपूर्ति में सुधार तथा बिजली कनेक्शन को शहरी फ़ीटर से जोड़ने के लिए पत्र भेजा गया है, लेकिन अब तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया।
आये दिन इलाज के लिए आते हैं जनप्रतिनिधि -
50 बेड आयुष हॉस्पिटल में आये दिन जनप्रतिनिधियों का इलाज, फिजियोथेरेपी आदि के लिए आगमन होता रहता है लेकिन अस्पताल में फैली दुर्व्यवस्था से किसी को कोई सरोकार नहीं होता। जनप्रतिनिधि ज़ब तक अस्पताल में रहते हैं तब तक वहाँ व्यस्था को चकाचक करवाने का दावा करते रहते हैं लेकिन जैसी ही वह हॉस्पिटल छोड़ते हैं सारे दावों की हवा निकल जाती है।
प्राचीन आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से मरीजों को उपचार सुविधा मुहैया कराने के लिए लोढ़ी में 50 बेड के एकीकृत आयुष अस्पताल का निर्माण किया गया है। यहां एक ही छत के नीचे कई पद्धतियों से मरीजों का उपचार किया जाता है। हर रोज मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कमर दर्द, सर्वाइकल, गर्दन दर्द, हड्डी व जोड़ों में दर्द के अलावा अन्य बीमारियों से मरीज दूरदराज से यहां दवा-उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। पिछले 15 दिनों से उन्हें अस्पताल से मायूस लौटना पड़ रहा है। डॉक्टर-कर्मचारियों के मौजूद रहने के बाद भी उपचार नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे बिजली आपूर्ति को कारण बताया जा रहा है। दिन में अस्पताल को महज एक से दो घंटे ही बिजली मिल पा रही है, वह भी कई चरणों में। लो वोल्टेज की समस्या अलग है। इसके चलते फिजियोथेरेपी, पंचकर्म, पैथॉलाजी, यूनानी चिकित्सा से संबंधित मशीनें काम नहीं कर रही हैं। शुक्रवार को भी अस्पताल में दोपहर तीन बजे तक आपूर्ति ध्वस्त थी। डॉक्टर और मरीज बिजली आने का इंतजार करते रहे। ऐसे में अस्पताल से राेजाना 50 से अधिक मरीज बिना उपचार के लौट रहे हैं।
मशीनें नहीं चलने से स्वास्थ्य सेवाएं हो रही प्रभावित -
चिकित्सा अधीक्षक, एकीकृत आयुष अस्पताल लोढ़ी डॉ0 राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि "बिजली का कनेक्शन जिस लाइन से है वह ग्रामीण फीडर होने के कारण जरूरत के मुताबिक बिजली नहीं मिल पाती है। इसके लिए बिजली निगम के एक्सईएन व उच्चाधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया जा चुका है। ओपीडी के समय बिजली आपूर्ति नहीं मिल पाने के कारण जहां अस्पताल में अंधेरा रहता है साथ ही जांच की मशीनें नहीं चल पा रही। जनरेटर की व्यवस्था न होने से बिजली आने का ही इंतजार किया जाता है, जिससे जांच रिपोर्ट भी देर से आ पाती है। पंचकर्म समेत कई क्रिया व मशीन बिजली न होने पर चल नहीं पातीं। वहीं वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जेनरेटर उपलब्ध है लेकिन बजट के अभाव में उसे भी नहीं चलाया जा पा रहा है।"
सपा ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप -
सपा के जिला उपाध्यक्ष डॉ0 लोकपति सिंह ने सरकारी अस्पतालों की दुर्व्यवस्था पर सरकारी सिस्टम को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ बिल्डिंग खड़ी करने में व्यस्त है जबकि स्वास्थ्य संसाधनों से उन्हें कोई सरोकार नहीं है। अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं जैसी बिजली, दवा, पानी आदि की कोई व्यवस्था नहीं करना आम जनता के प्रति सरकार की मंशा को प्रदर्शित करता है। यदि जल्द से जल्द आयुष हॉस्पिटल की बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं होती है तो समाजवादी पार्टी जनहित में सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होगी।