Sonbhadra News : सिर्फ सुविधाएं बढ़ाने से नहीं सुधरेगा शिक्षा व्यवस्था, प्रभारी मंत्री को जमीनी हकीकत से होना पड़ेगा रूबरू
अब पहले वाली स्थिति नहीं कि टीचर स्कूल गायब रह सकें । कलेक्ट्रेट सभागार में मंत्री जी खूब कसीदें पढ़ें और बताया कि उनकी सरकार में बच्चे पढ़ रहे हैं और बढ़ रहे हैं ।

sonbhadra
7:13 PM, May 27, 2025
शान्तनु कुमार
★ अधिकारियों की जांच में कई बार बदहाल शिक्षा व्यवस्था की खुल चुकी है पोल
★ अटैचमेंट के खेल ने भी जिले में बिगाड़ रखा है शिक्षा व्यवस्था
★ जांच में कमी मिलने पर नहीं होती ठोस कार्यवाही
सोनभद्र । बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में शिरकत करने आये जिले के प्रभारी व योगी सरकार में मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने बेसिक शिक्षा विभाग की जमकर तारीफ की । उन्होंने बताया कि उनकी सरकार पहले बच्चों को टैबलेट देने का काम की ताकि उनके बच्चे हाईटेक हो सकें, अब गुरु को भी हाईटेक किया जा रहा है ताकि जब गुरु हाईटेक होगा तभी बच्चे भी हाईटेक होंगे। उन्होंने बताया कि योगी-मोदी की सरकार में सरकारी विद्यालयों का खूब कायाकल्प हुआ । अब पहले वाली स्थिति नहीं कि टीचर स्कूल गायब रह सकें । कलेक्ट्रेट सभागार में मंत्री जी खूब कसीदें पढ़ें और बताया कि उनकी सरकार में बच्चे पढ़ रहे हैं और बढ़ रहे हैं ।
लेकिन यदि जमीनी हकीकत देखें तो नजारा कुछ और ही है, जो मंत्री जी के सज्ञान में नहीं । क्योंकि मंत्री जी के सामने मीटिंग में वही आंकड़ा पेश किया जाता है जो सभी के लिए बेहतर हो । और कभी स्थलीय निरीक्षण भी कराया जाता है तो उन स्कूलों का जो चकाचक हो । कभी मंत्री जी खुद से औचक निरीक्षण कर लें तो दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाएगा । मंत्री जी पत्रकारों को बता रहे थे कि कैसे उनकी सरकार में वे दिन लद गए जब टीचर स्कूल से गायब रहते थे । मंत्री जी को बतादें कि 6 मई को कोन ब्लाक में एबीएसए ने 10 विद्यालयों का तुफानी औचक निरीक्षण किया था जिसमें 4 विद्यालय पर ताला लटकता मिला था जबकि 13 शिक्षक/शिक्षामित्र बगैर सूचना के अनुपस्थित पाए थे । इतना ही नहीं हर विद्यालय में बच्चों की संख्या नामांकन संख्या से काफी कम थी । वहीं सीडीओ ने भी हाल ही में कुछ स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था, वहां भी बच्चों की उपस्थिति बेहद कम थी ।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सुविधाएं बढ़ाने मात्र से बच्चों की संख्या या फिर उनकी गुणवत्ता में बृद्धि हो पाएगी । क्योंकि जिस तरह से कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री रविन्द्र जायसवाल सोनभद्र में स्कूली शिक्षा को लेकर तारीफों की पुल बांध रहे थे उनके सामने सच्चाई तभी आएगी जब वे कभी बिना जानकारी दिए खुद औचक निरीक्षण करेंगे । ऐसा नहीं कि पूरे जनपद में टीचर गड़बड़ है और स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही लेकिन ज्यादातर दूरस्थ इलाकों में नजारा कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा ।
सरकार जिस तरह से सरकारी स्कूलों की दशा व व्यवस्था बदलने पर जोर दे रही है ऐसे में जानकारों का यह मानना है कि पहले सरकार को उन टीचरों तथा अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के अंदर व्यवहार परिवर्तन करना होगा जो अपने बच्चों को कान्वेंट स्कूलों में भेज रहे हैं क्योंकि उन्हें समझना होगा कि वे योग्य हैं और यहां तक काफी मेहनत से पहुंचे हैं । दूसरा कि टीचरों का भी अन्य विभागों की तरह हर तीन साल में अंतर्जनपदीय ट्रांसफर होना चाहिए ताकि लम्बे समय से जमे टीचर जो मठाधीश हो गए हैं वे भी अन्य विद्यालय में जाकर पढ़ाएं । इसके अलावा टीचरों से पढ़ाई के अलावा अन्य बाहरी काम कम लिए जाएं ताकि उनकी मुख्य जबाबदेही तय हो सके ।
बहरहाल सरकार ने सोमवार को डी0वी0टी0 के माध्यम से छात्र-छात्राओं को ड्रेस, जूता, मोजा, स्वेटर, स्टेशनरी एवं स्कूल बैग आदि के लिए 1200 रूपये प्रति छात्र के हिसाब से बटन दबाकर धनराशि स्थान्तरित कर दिया है। अब देखने वाली बात यह है कि पढ़ेंगे बच्चे-बढ़ेंगे बच्चे का नारा सही मायने में कब पूरा होता है ।