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Ayodhya News : अयोध्या में भगवान राम की 5 वर्ष के बालक के स्वरूप वाली 51 इंच की प्रतिमा का किया गया चयन- चंपत राय

मकर संक्रांति के पर्व पर सोमवार की दोपहर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पत्रकारों से बातचीत की । इस दौरान उन्होंने 22 जनवरी को प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए.चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सर संघ चालक मोहन भागवत समेत तमाम गणमान्य उपस्थित रहेंगे । वहीं भगवान राम के नूतन गर्भगृह में स्थापित होने वाली प्रतिमा के बारे में जानकारी देते हुए चंपत राय ने बताया कि कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज की प्रतिमा का चयन भगवान राम के मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित करने के लिए किया गया है ।

इस दिन प्रतिमा को गर्भ ग्रह में किया जाएगा स्थापित

चंपत राय ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि लगभग 40 वर्षीय आयु के अरुण योगीराज के परिवार में प्रतिमा निर्माण का काम लंबे समय से चल रहा है । उन्होंने देश में कई सुंदर प्रतिमाएं बनाकर प्रस्तुत की है । अयोध्या में भी भगवान राम की 5 वर्ष के बालक के स्वरूप वाली 51 इंच की प्रतिमा का चयन किया गया है । इस प्रतिमा का निर्माण अरुण योगीराज ने किया है.यह प्रतिमा 5 वर्ष के बालक की कोमलता को समेटे हुए बेहद भव्य और सुंदर है । 18 जनवरी की दोपहर इस प्रतिमा को नवनिर्मित गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जाएगा । इसके अलावा पूर्व से ही राम जन्मभूमि परिसर में पूजित की जा रही प्रतिमा को भी स्थान उसी जगह पर दिया जाएगा । भगवान राम की नवनिर्मित प्रतिमा लगभग डेढ़ सौ से 200 किलो की है. जिसे 18 जनवरी की दोपहर गर्भ ग्रह के अंदर बने आसन पर खड़ा कर दिया जाएगा ।

राम जन्मभूमि परिसर में ही होंगे यज्ञशाला

चंपत राय ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े सभी अनुष्ठान राम जन्मभूमि परिसर के अंदर ही होंगे । ईशान कोण पर यज्ञशाला का निर्माण किया गया है जिसमें 9 कुंड बनाए गए हैं । पूरे भारत से चुने गए कुल लगभग 120 वैदिक विद्वानों द्वारा अनुष्ठान संपन्न कराए जाएंगे । सभी अनुष्ठानों में एकरूपता रहे इसके लिए काशी के विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित जी के निर्देशन में सभी धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होंगे । प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से जुड़ी सभी तैयारियां अंतिम चरण में है बेहद भव्य रूप से प्राप्त प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होगा ।

रामानंद संप्रदाय से जुड़ा है राम मंदिर

बीते दिनों मंदिर में होने वाली पूजा परंपरा और संप्रदाय को लेकर उठे विवाद के बाद चंपत राय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अयोध्या में रामानुज और रामानंद दो संप्रदाय हैं । श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का आश्रम कनक भवन और राम मंदिर रामानंद संप्रदाय से जुड़े हैं । इसके अलावा कई अन्य मंदिर भी रामानंद संप्रदाय के हैं । वहीं सुग्रीव किला कौशलेश सदन, अशर्फी भवन श्री राम लाल देवस्थानम सहित कई अन्य मंदिर रामानुज संप्रदाय से जुड़े हैं । अयोध्या का राम मंदिर रामानंद संप्रदाय से जुड़ा है यहां पर पूजा परंपरा इस संप्रदाय के अनुसार होगी ।

इस तारीख से आम श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाएंगे दर्शन

अयोध्या में राम भक्तों के दर्शन पूजन से जुड़ी जानकारी देते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि 20 जनवरी से आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन बंद करने की योजना पर विचार विमर्श चल रहा है। क्योंकि अंदर परिसर में तमाम धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे । ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ से अव्यवस्था होगी इसके दृष्टिगत 20-21 जनवरी को सामान्य दर्शन बंद करने पर विचार विमर्श चल रहा है । देश के सामान्य जन राम भक्तों से आग्रह है कि 23 जनवरी से वह अयोध्या में दर्शन कर सकते हैं। हमारा यह भी प्रयास है कि पूरे दिन में श्रद्धालुओं को दर्शन संपन्न कराकर उन्हें शाम तक विदा कर दिया जाए। क्योंकि मौसम काफी ठंडा है ऐसे में उन्हें यहां असुविधा हो सकती है । इसलिए दिन भर में ही दर्शन पूजन का कार्यक्रम संपन्न कर लोगों को शाम तक वापस घर भेजने की हमारी योजना है ।

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