सोनभद्र

Sonbhadra News : “रेल रोको आंदोलन” के लिए हो रहे एकजुट,ट्रेनों का ठहराव नही होने से क्षेत्रवासी हैं परेशान

धर्मेन्द्र गुप्ता(संवाददाता)

विंढमगंज(सोनभद्र)। थाना क्षेत्र के अंतर्गत झारखंड बॉर्डर पर स्थित विंढमगंज रेलवे स्टेशन पर कोरोना काल के बाद से चलने वाली सवारी गाड़ियों का ठहराव नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने बीते 13 दिसंबर को एक दिवसीय सांकेतिक धरना के बाद मौके पर मौजूद रेलवे के अधिकारी को दिए ज्ञापन में ट्रेन का ठहराव 9 जनवरी तक नहीं होने पर आगामी 10 जनवरी 2024 को रेल रोको आंदोलन के लिए गांव-गांव जाकर लोगों को प्रस्तावित तारीख पर एकजुट होकर रेल रोकने के लिए आवाहन कर रहे हैं।

नक्सल प्रभावित थाना क्षेत्र जो झारखंड के बॉर्डर पर ही रेलवे स्टेशन  स्थित है। इस स्टेशन पर पूर्व में ग्रामीणों को चलने के लिए कई सवारी ट्रेनों का ठहराव  हुआ करता था।कोरोना काल में सवारी ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया था परंतु कोरोना जैसी महामारी बीमारी पर सरकार के द्वारा काबू कर लेने के बाद उक्त स्टेशन से सवारी ट्रेनों का परिचालन तो हो रहा है परंतु ठहराव नहीं होने के कारण थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव व झारखंड के दर्जनों गांव के ग्रामीणों को यात्रा करने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है ।ट्रेन ठहराव  की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि समेत रेलवे के उच्चाधिकारी व मंत्री को पत्राचार के बाद भी ठहराव नहीं होने पर बीते 13 दिसंबर को एक दिवसीय सांकेतिक धरना देकर मौके पर मौजूद रेलवे के सीटीआई को ज्ञापन दिया था जिसमें 9 जनवरी तक ट्रेन काठहराव नहीं होने पर 10 जनवरी 2024 को रेल रुको आंदोलन की घोषणा की थी।

उक्त प्रस्तावित तिथि को मजबूती देने के लिए रेल रोको संघर्ष समिति के रमेश चंद एडवोकेट के नेतृत्व में ओमप्रकाश रावत, अजय गुप्ता, राजेश रावत, सुरेंद्र पासवान ग्राम प्रधान धरतीडोलवा, बाबूलाल पासवान ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मेदनीखाड़, संजय गुप्ता ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बुटबेढवा,मुन्नालाल गौतम पूर्व प्रधान, नंदलाल भारती, अमरेश भारती के द्वारा क्रमशः ग्राम पंचायत धुमा, सुखडा, केवाल, हरनाकछार, मेदनीखाड, बुटबेढवा, सलैयाडीह,  धरतीडोलवा ग्राम पंचायत में जाकर लोगों को रेलवे स्टेशन पर पूर्व में रुकने वाली रांची चोपन एक्सप्रेस, सिंगरौली पटना एक्सप्रेस, स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस के ठहराव  के लिए एकजुट होकर रोकने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। पूर्व में जब रेलवे स्टेशन पर सवारी ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था तो हम सभी ग्रामीण लोग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व झारखंड की राजधानी रांची तक बडे ही सुगमता के साथ अपना चिकित्सा, शिक्षा व व्यापार कर लिया करते थे।ट्रेनों का ठहराव नहीं होने के कारण हम ग्रामीणों का आर्थिक, मानसिक व शारीरिक शोषण हो रहा है जबकि ग्रामीणों के द्वारा ट्रेनों के ठहराव  के लिए  बीते 1 वर्षों से लगातार जनप्रतिनिधि सांसद, विधायक, राज्यसभा सांसद समेत रेल के उच्च अधिकारियों को पत्र के माध्यम से शान्ति पुर्वक  ठहराव की मांग करते रहे, इसके बाद भी ठहराव  नहीं किया गया जिससे आजीज होकर बीते 13 दिसंबर को रेलवे स्टेशन पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया गया था।

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