आनंद कुमार चौबे (संवाददाता)
● केंद्रीय बजट और अडानी समूह की घपलेबाजी पर भाकपा ने किया विरोध प्रदर्शन
● भाकपा ने की अडानी समूह द्वारा किए गए घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराया जाने की मांग
● शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मनरेगा एवं ग्रामीण विकास के बजट को तत्काल बढ़ाया जाए – भाकपा
सोनभद्र । आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय आह्वाहन पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने भारी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुँच केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट और अडानी समूह द्वारा किए गए घोटाले पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी किया और ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से भाकपा के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मनरेगा एवं ग्रामीण विकास पर कटौती किए गए बजट को जनहित में तत्काल बढ़ाने और अडानी समूह द्वारा किए गए घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराने की मांग किया।
इस दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रांतीय नेता व जिला सचिव कामरेड आर0के0 शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेश जन विरोधी बजट एवं प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी द्वारा देश के प्रमुख बैंकों और एलआईसी से अपनी ही सेल कम्पनियों द्वारा अपने शेयर की ओवर वैल्यू दिखाकर भारी कर्ज लेकर जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को लूटकर देश को कंगाल बनाने की साज़िश के खिलाफ पूरे देश में भाकपा कार्यकर्ताओं द्वारा आज धरना प्रदर्शन करते हुए मांग किया जा रहा है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मनरेगा एवं ग्रामीण विकास पर कटौती किए गए बजट को जनहित में तत्काल बढ़ाया जाए। मनरेगा में काम की मांग को देखते हुए देश में कम से कम दो लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता है। मनरेगा में पिछले बजट के सापेक्ष केवल साठ हजार करोड़ रुपए ही आवंटित किया गया है। मनरेगा की बजट को अविलंब बढ़ाया जाए। वहीं गौतम अडानी द्वारा राष्ट्रवाद की चादर ओढ़ कर किए गए घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच कराकर जेल भेजा जाय। गौतम अडानी की सारी संपत्ति को सीज करते हुए उनका पासपोर्ट रद्द करके देश से बाहर जाने पर अविलंब रोक लगाई जाए। देश में बढ़ती मंहगाई को रोका जाए और उत्तर प्रदेश में राज्य परिवहन विभाग द्वारा अभी हाल में ही किए गए बसों के किराया वृद्धि को वापस लिया जाए। इसके साथ ही देश में नई भर्तियों पर लगी रोक को तत्काल हटाया जाए और रोजगार के नए सृजित किए जाए। वहीं सोनभद्र के आदिवासियों वनवासियों पर वन विभाग व पुलिस विभाग के द्वारा लगातार किए जा रहे शोषण उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए और यहां वनाधिकार कानून का मुस्तैदी से पालन होना चाहिए जिससे वनाधिकार का लाभ आदिवासियों वनवासियों को मिल पाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जनपद के बालू मोरंग और पत्थर खनन क्षेत्रों में पर्यावरणीय, मानवीय व जलीय जीव जंतुओं को क्षति पहुंचाते हुए यहां बेखौफ चल रहे जेसीबी पोकलेन और डंपिंग (नाव) जैसी मशीनों पर तत्काल रोक लगाई जाए और मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराया जाय।
इस आदिवासी बाहुल्य व अतिपिछड़े जनपद में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए एक अदद केंद्रीय कैमूर विश्वविद्यालय और लोगों को बेहतर चिकित्सा के लिए एम्स जैसे संस्थान की स्थापना कराईं जाय।
उन्होंने चेताते हुए कहा कि यदि समय रहते हुए समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो पार्टी कार्यकर्ता आम जनता को गोलबंद करते हुए बड़े स्तर पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
इस दौरान कामरेड देव कुमार विश्वकर्मा, कामरेड विजय शंकर यादव, एडवोकेट अशोक कुमार कन्नौजिया, बुद्धिराम, कामरेड नागेन्द्र मौर्य, कामरेड राम अधार कोल, कामरेड मनीष कुमार, कामरेड रवि प्रकाश, कामरेड मोनू, कामरेड बसावन गुप्ता, कामरेड अमरनाथ बिंद आदि प्रमुख रूप मौजूद रहे।