सोनभद्र

Sonbhadra News : डेंगू के अलावा मलेरिया व वायरल बुखार में भी गिरते हैं प्लेटलेट्स, जानें क्या है डॉक्टर की सलाह

आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)

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सोनभद्र । प्लेटलेट्स घटने का मतलब यह नहीं कि मरीज को डेंगू ही हो। चिकित्सकों के अनुसार साधारण वायरल बुखार में भी मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की कमी होती है। ऐसे में मरीजों को आवश्यक सावधानी बरतनी जरूरी है।

जिले के सभी अस्पतालों में आजकल वायरल के मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। अस्पताल पहुंचने वालों में सबसे ज्यादा वायरल के रोगी हैं। लोग वायरल को डेंगू समझ कर अस्पताल पहुंच रहे हैं। ज्यादातर मरीज खुद ही इसे डेंगू के लक्षण मानते हुए डॉक्टर पर टेस्ट के लिए तक दबाव बना रहे हैं। इससे डॉक्टरों के साथ ही पैथोलॉजी में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टर लोगों को हिम्मत बनाए रखने और घबराहट से बचने की सलाह दे रहे हैं साथ ही यह भी समझा रहे हैं कि डेंगू भी वायरल है, जिसके ज्यादातर लक्षण अन्य वायरल से मिलते हैं।

सोनभद्र जिला मुख्यालय स्थित मणि हॉस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ (MD) डॉ0 अशोक यादव ने जनपद न्यूज़ live से इस संबंध में विशेष बातचीत की। डॉ0 अशोक यादव के मुताबिक, इस समय डेंगू, टायफाइड, मलेरिया तथा वायरल के साथ साथ कुछ रहस्यमयी बुखार भी सामने आ रहे हैं उनकी पहचान जाँच से भी नहीं हो पा रही है। सभी प्रकार के बुखार में प्लेटलेट्स डाउन होना आम बात है, इसमें घबराना नहीं चाहिए। अगर प्लेटलेट्स 15 हजार तक भी कम हो जाती हैं तो भी घबराने की या फिर प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती। 15 हजार से कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवयश्कता पड़ती है। यानि साफ है कि अगर आपकी प्‍लेटलेट्स 20,000 तक भी पहुंच गई हैं तो बुखार की सामान्य दवा लेने से उन्हें रिकवर किया जा सकता है। बुखार ठीक होने पर यह प्लेटलेट्स ब्लड में स्वत ही बढ़ने लगती हैं। इस वर्ष अब तक किसी भी मरीज को उन्होंने प्लेलेट्स चढ़वाने की सलाह नहीं दी है जबकि बहुतेरे मरीजों का प्लेटलेट्स गिरकर 15 हजार तक पहुँच गया था।

ऐसा होने पर पड़ती है प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत

डॉ0 अशोक यादव के मुताबिक, अगर प्लेटलेट्स 15,000 से भी कम होने लगे तो मानव शरीर में प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्कता पड़ती है। इसके अलावा अगर शरीर के किसी अंग से खून बहने लगे या फिर बुखार किडनी और लीवर पर इफेक्ट करने लगे, तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्कता पड़ती है।

जानिए, वायरल बुखार को भी –

बदलते मौसम से वायरल बुखार बहुत तेज़ी से फैल रहा है। वायरल बुखार एक से दूसरे के संपर्क में आने से भी हो रहा है। खास बात है कि वायरल बुखार करीब एक हफ्ते तक किसी को अपनी चपेट में रख रहा है। यह बुखार शरीर को तोड़ दे रहा है। अक्सर यह बुखार सुबह दवाई लेने से उतर जाता है लेकिन रात के समय फि‍र से चढ़ जाता है।

ये हैं वायरल बुखार के लक्षण –

नियमित अंतराल पर बुखार आना, ठंड लगने के साथ बुखार आना, ऐसा बुखार जो दवाओं से ठीक न हो रहा हो, जोड़ों के पास तेज दर्द, चेहरे पर सूजन और उल्टी भी हो सकती है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है।

डॉ0 अशोक यादव के मुताबिक, यदि आप बुखार के दौरान इन लक्षणों को शरीर में महसूस कर रहे हैं तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं। इस तरह के बुखार में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। एक से 12 साल के बच्चे, गर्भवती महिला, 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग, डायबटीज के मरीज, किडनी के मरीज, हार्ट के मरीज अपना ध्यान रखें। यदि इनमें से एक भी लक्षण शरीर मे महसूस हो तो जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए। ऐसे व्यक्ति हाई रिस्क की श्रेणी में आते हैं। मेडिकल स्टोर से खरीद कर दवा ना लें बल्कि अस्पताल पहुंच जांच कराएं और डॉक्टर के अनुसार ही दवा का सेवन करें।

ये सावधानी बरतें –

• घर के आसपास गंदा पानी इकट्ठा होने न दें

• पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए

• 24 घंटे घर पर मच्‍छरों से बचने का इंतजाम करें

• दूध और दूध से बनी चीज़ों का परहेज़ करें

• अधपका मीट नहीं खाना चाहिए

• बाहर का खुला हुआ जूस नहीं पीना चाहिए

• बुखार के दौरान मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दें

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