Trade Union Strike Sonbhadra : ट्रेड यूनियन की हड़ताल के समर्थन में उतरे बीमा व बैंक के कर्मचारी, सरकार को घेरा
केंद्र सरकार की श्रमिक व जनविरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को देशभर में बैंक, बीमा, डाक, दूरसंचार, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों सहित विभिन्न क्षेत्रों के......

राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन करते ट्रेड यूनियन, बैंक व बीमा कर्मचारी.....
sonbhadra
7:49 PM, July 9, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । केंद्र सरकार की श्रमिक व जनविरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को देशभर में बैंक, बीमा, डाक, दूरसंचार, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों सहित विभिन्न क्षेत्रों के करोड़ों कर्मचारियों ने एकजुट होकर हड़ताल की। इस दौरान जहाँ ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले इंटक, सीटू, कम्युनिस्ट पार्टियों, खेत मजदूर यूनियन, संयुक्त किसान सभा, आदिवासी विकास मंच, आशा संघ, रसोईया संघ तथा मनरेगा मजदूर संगठन ने चुर्क तिराहे से इंटक जिलाध्यक्ष हृदय नारायण तिवारी के नेतृत्व में जुलूस निकाल कर कलेक्ट्रेट पहुंच प्रदर्शन किया और एडीएम को राष्ट्रपति क़ो सम्बोधित 19 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। वहीं बैंक कर्मचारियों ने आईसीआईसीआई बैंक पर और LIC कर्मियों ने LIC कार्यालय पर ताला बंद कर प्रदर्शन किया। आज की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से जिले में करोड़ों रूपये का कारोबार प्रभावित हुआ। कार्यक्रम का संचालन भाकपा के जिला सचिव व खेल मजदूर यूनियन के नेता कामरेड आर0के0 शर्मा ने किया।
सरकार कर रही कामगारों के अधिकारों का हनन -
प्रदर्शनकारियों ने सरकार की उन नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की, जिनसे कामगारों के अधिकारों का हनन हो रहा है।इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा केंद्रीय नए श्रम कोड, जिसमे श्रम कानूनों में मज़दूर-विरोधी प्रावधानों और किसान-विरोधी प्रावधानों से मजदूरों को गुलामी की ओर ले जाने की कोशिश की जा रही है। ठेकेदारी प्रथा को खत्म किए जाने, न्यूनतम वेतन रूपये 26000 किए जाने,सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के निजीकरण का विरोध, आंगनबाड़ी, आशा बहू, मिड डे मील आदि स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मी घोषित किए जाने, एम एस पी लागू किए जाने के अलावा 19 सूत्रीय मांगों को लेकर यह राष्ट्र व्यापी हड़ताल किया जा रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठानों को कौड़ियों के भाव में पूंजीपतियों के हवाले कर रही सरकार -
वक्ताओं ने आगे बताया कि इस राष्ट्र व्यापी हड़ताल के समर्थन में हम मजदूर-किसान विरोधी कानूनों को रदद् करने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करवाने, निजीकरण पर रोक लगाने की मांग इसके साथ ही परियोजना कर्मियों समेत अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने समेत सभी श्रम कानूनों को लागू करने, निर्माण मजदूरों की सुविधाओं को लागू करवाने समेत अन्य मागों को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के मुताबिक रेलवे, बैंक, बीमा, कोयला, बिजली समेत अन्य सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठानों को कौड़ियों के भाव में पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। इस मुद्दे पर और केंद्र व प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हम सड़कों पर उतरे हैं।
हड़ताल की प्रमुख माँगें -
वक्ताओं ने बताया कि हड़ताल की प्रमुख मांगों में चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द करने, सभी मज़दूरों के लिए ₹26000 न्यूनतम वेतन और ₹9000 न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाने, महंगाई पर रोक लगाने, आवश्यक वस्तुओं से GST हटाने, सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण रोके जाने, यूनियन बनाने और सामूहिक सौदेबाज़ी के अधिकारों का सम्मान करने, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पानी जैसी ज़रूरतों की सार्वजनिक गारंटी देने, बिजली विभाग का निजीकरण रोकने व जनहित में स्मार्ट मीटर बंद करने, किसानों को फसल पर MSP की गारंटी दिए जाने तथा वन अधिकार कानून में जनविरोधी संशोधन रद्द करने सहित अन्य मांगें वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि यह हड़ताल सिर्फ एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि लंबे संघर्ष की शुरुआत है। मजदूर वर्ग अब पीछे नहीं हटेगा। ऐसे में अब संविधान, अधिकार और रोटी की लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है।
बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख मांगें -
संगठनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों को मजबूत करने, ग्राहकों पर लगने वाले शुल्कों को कम करने, बैंकों में कर्मचारियों की भर्ती सुनिश्चित करने और बैंक कर्मियों की लंबित मांगों के शीघ्र समाधान की भी मांग उठाई।
ये रहे मौजूद -
इस दौरान कांग्रेस के राजेश द्विवेदी, बृजेश तिवारी, भाकपा के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा, लालता तिवारी, सीपी माली, माकपा के जिला मंत्री कामरेड नंद लाल आर्य, कामरेड प्रेमनाथ, भाकपा (माले) के जिला सचिव सुरेश कोल, शंकर कोल, नंद लाल यादव,.एटक के नेता राजेन्द्र प्रसाद, सीटू के नेता कामरेड लाल चंद्र ,एक्टू के नेता कामरेड कलीम, खेत मजदूर यूनियन के नेता देव कुमार विश्वकर्मा, पुरुषोत्तम, बसावन गुप्ता, किसान सभा के नेता कामरेड अमरनाथ सूर्य, महेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद रहे।