Sonbhadra News : ओबरा पुलिस की बड़ी सफलता, फर्जी कागजात बनाकर बैंक से लोन लेने निकालने वाले गिरोह को किया गिरफ्तार
ओबरा पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे एक ऐसे गिरोह को धरदबोचा जो फर्जी ढंग से जमीन की खतौनी व आधार कार्ड बनवाकर उस पर लाखों रुपये का बैंक से लोन लिया करता है ।

पुलिस के गिरफ्त में खड़े आरोपी
sonbhadra
5:33 PM, March 6, 2025
शान्तनु कुमार/राहुल सिंह
★ पुलिस की जांच में हो सकते हैं कई बड़े खुलासे
★ जांच के बाद हो सकते हैं कई और बेनकाब
ओबरा (सोनभद्र) । ओबरा पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे एक ऐसे गिरोह को धरदबोचा जो फर्जी ढंग से जमीन की खतौनी व आधार कार्ड बनवाकर उस पर लाखों रुपये का बैंक से लोन लिया करता है । ओबरा पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि थाना ओबरा पर पंजीकृत मु0अ0सं0- 178/2024 धारा- 419, 420, 468, 471, 467 भादवि से सम्बन्धित अभियुक्तगण राम केवल गुज्जर पुत्र सुबेलाल निवासी नदहरी थाना ओबरा व सन्तोष कुमार पुत्र स्व0 दुनिया प्रसाद निवासी परसोई टोला खैरटिया थाना ओबरा परसोई तिराहा ओर देखे गए हैं । इसी सूचना पर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए परसोई तिराहा से गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया ।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पीड़ित व्यक्ति के खतौनी में फर्जी तरीके से गजाधर पुत्र रामसुन्दर का नाम दर्ज कराया और गजाधर के नाम का फर्जी आधार कार्ड बनवाकर गजाधर पुत्र रामसुन्दर के नाम से इंडियन बैंक शाखा अनपरा से छल कर के 4,24,000 रुपये का कृषि ऋण ले लिया गया था । पुलिस अब जांच-पड़ताल में जुटी हुई है ।
फर्जीवाड़े मामले में कई और हो सकते हैं बेनकाब
फर्जी खतौनी और आधार बनाकर बैंक से ऋण लेने के मामले में यदि पुलिस गंभीरता से जांच को आगे बढ़ाती है तो इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है । साथ ही कई और भी लोग बेनकाब हो सकते हैं। क्योंकि बड़ा सवाल यह है कि जब खतौनी ऑनलाइन बनती है तो पूरी जांच पड़ताल कर जारी किया जाता है, तो फिर फर्जी तरीके से खतौनी कैसे बन गई । और फिर फर्जी ढंग से आधार कार्ड कैसे बन गया । बड़ा सवाल यह है कि सोनभद्र में ऐसे कितने गिरोह काम कर रहे हैं जो फर्जी ढंग से इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल हैं। इतना ही नहीं इस पूरे मामले में बैंक से भी पुलिस को संपर्क साधना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या बैंक में लोन डारेक्ट हुए है या फिर किसी दलाल के माध्यम से । इसकी पूरी जांच पड़ताल होनी चाहिए।क्योंकि सबसे बड़ी बात यह है कि सोनभद्र में ज्यादातर लोग निरक्षर हैं और इसी का फायदा फर्जी ढंग से गिरोह चलने वाले लोग उठाते हैं । उम्मीद है कि पुलिस जब जांच को आगे बढ़ाएगी तो कई ऐसे लोग भी बेनकाब होंगे जो पर्दे के पीछे रहकर इस तरह के काम को अंजाम दे रहे हैं ।