Sonbhadra News : स्वास्थ्य विभाग मेहरबान या लापरवाह! दुद्धी में धड़ल्ले से चल रहे अवैध अस्पताल
आदिवासी बाहुल्य दुद्धी तहसील क्षेत्र में इन दिनों अवैध प्राइवेट अस्पतालों की भरमार हो गई है। स्वास्थ्य विभाग में कई का रजिस्ट्रेशन तक नहीं है, लेकिन वो चिकित्सक मरीजों की जान का दुश्मन बने हुए हैं....

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आनन्द कुमार चौबे/रमेश यादव (संवाददाता)
• सीज अस्पतालों का भी हो रहा खुलेआम संचालन
सोनभद्र । आदिवासी बाहुल्य दुद्धी तहसील क्षेत्र में इन दिनों अवैध प्राइवेट अस्पतालों की भरमार हो गई है। स्वास्थ्य विभाग में कई का रजिस्ट्रेशन तक नहीं है, लेकिन वो चिकित्सक मरीजों की जान का दुश्मन बने हुए हैं। वे लंबा चौड़ा चिकित्सा सेवा की डिग्री का बोर्ड लगाकर जगह-जगह अपनी दुकान खोले बैठे हैं, वहीं मरीजों की हालत गंभीर होने पर रेफर कर देते हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमा इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करता।
मरीजों का दोहन करने में मस्त अवैध अस्पताल -
दुद्धी कस्बा बाजार सहित आस-पास बड़ी संख्या में अस्पताल खुले हुए हैं। हकीकत यह है कि ये मरीजों को अपने जाल में फांसने के लिए एमबीबीएस, एमएस, बीएचएमएस, आर्थो, बीएएमएस की डिग्री का बोर्ड लगाकर मरीजों का दोहन करते हैं। इन अस्पतालों द्वारा गांव-गांव में बतौर कमीशन एजेंट नियुक्त किए गए हैं जो मरीजों को बेहतर उपचार होने का हवाला देकर भर्ती करा कर अपना कमीशन लेकर हट जाते हैं। फिर शुरू होता है मरीजों से धन उगाही का खेल। मरीज तो सच्चाई से कोसो दूर है, क्योंकि अस्पताल में बोर्ड पर जिस चिकित्सक का नाम अंकित है वह उपचार नहीं करते बल्कि कथित चिकित्सक ही रहते हैं।
किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा स्वास्थ्य महकमा -
ऐसा नहीं है कि मरीजों की जिदगी के साथ हो रहे खिलवाड़ की जानकारी स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारियों क़ो नहीं है लेकिन ऐसे अस्पतालों पर कार्यवाही के लिए शायद किसी बड़ी या किसी के मौत होने के इंतजार में बैठे हैं। इन अस्पतालों में जब मरीज की हालत बिगड़ जाती है तो ये कथित चिकित्सक उसको जिला मुख्यालय या वाराणसी के लिए रेफर कर देते हैं, ऐसे में मरीजों को संभालना मुश्किल हो जाता है। कई ऐसे अस्पताल भी संचालित हो रहे हैं जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व में जाँच के दौरान सीज किया था लेकिन वो भी ताला तोड़कर धड़ल्ले से अस्पताल का संचालन कर रहे हैं।
मरीजों के परिजन भी कम जिम्मेदार नहीं -
इसके पीछे मरीज के परिजन भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। वे कमीशन एजेंट के झांसा में आकर अपने स्वजन को मौत के मुंह में धकेलते हैं और फिर कोई अनहोनी होने पर अस्पताल को दोषी ठहराते हैं। इन अवैध अस्पतालों पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी स्वास्थ विभाग के अधिकारियो की होती है लेकिन वे अपने दायित्व से भटक गए हैं।
मात्र छह अस्पताल पंजीकृत -
दुद्धी क्षेत्र में मात्र छह अस्पताल ऐसे हैं जो पंजीकृत है लेकिन यहाँ बड़ी संख्या में अवैध अस्पतालों का भी धड़ल्ले से संचालन किया जाता है। पंजीकृत अस्पतालों में प्रसाद कुंवर हॉस्पिटल, केयर हॉस्पिटल, हर्षित हॉस्पिटल, नोवा हॉस्पिटल, शिवा हॉस्पिटल, जीवन कृति हॉस्पिटल शामिल है।
होगी कड़ी कार्यवाही -
सीएमओ डॉ0 अश्वनी कुमार ने बताया कि "जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था क़ो चुस्त दुरुस्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है और इसको लेकर अवैध अस्पतालों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाया जा रहा है। नोडल अधिकारी डॉ0 कीर्ति आजाद बिंद के नेतृत्व में लगातार छापेमारी अभियान जारी है। दुद्धी क्षेत्र में अवैध हॉस्पिटल संचालन की जानकरी मीडिया के माध्यम से मिली है जल्द ही टीम भेजकर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।"

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