आनंद कुमार चौबे (संवाददाता)
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सोनभद्र/वाराणसी । कृत्रिम गर्भाधान के लिए नाबालिग लड़कियों और गरीब महिलाओं का गलत ढंग से एग डोनेशन कराने वाले गिरोह का वाराणसी पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए गिरोह में शामिल दम्पति सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों में से एक इनफर्टिलिटी सेंटर का कर्मचारी भी शामिल है। इन सभी ने कृत्रिम गर्भाधान के लिए एक किशोरी का फर्जी आधार कार्ड बनाकर उसे बालिग बताते हुए उसका एग डोनेशन करा दिया।

पुलिस को पुछताछ के दौरान सोनभद्र निवासी गिरफ्तार अभियुक्त अनमोल जायसवाल ने बताया कि वह 2020 से महमूरगंज स्थित एक इनफर्टिलिटी सेंटर में काम कर रहा है, उसे अक्सर खोजवां की अनिता डोनर उपलब्ध कराती थी। अनिता ने नक्खीघाट की सीमा को भी डोनर उपलब्ध कराने को कहा और इसके एवज में उसे 30 हजार रुपये भी देने की बात कही। सीमा ने इसके लिए किशोरी को गुमराह कर तैयार कर लिया। सीमा ने किशोरी के एग डोनेशन के लिए अपने पति आशीष कुमार को राजी किया। आशीष ने किशोरी के साथ पति के रूप में तस्वीरें खिंचवाईं। तस्वीर में किशोरी सिंदूर लगाए लाल जोड़े में थी। इस तस्वीर के आधार पर उसने किशोरी का फर्जी आधार बनवाया। आधार में किशोरी को बालिग दिखाया गया, इसी आधार के जरिए एग डोनेशन कराया गया।

पुलिस ने अनुसार, “जैतपुरा क्षेत्र की रहने वाली किशोरी की मां ने महिला थाने में बीते 29 अक्तूबर को मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद गिरोह का पर्दाफाश हुआ। मां के मुताबिक सीमा उसकी बेटी को बहलाकर अपने साथ ले गई। फिर रुपये का लालच देकर उसने एग डोनेट कराया। किशोरी की मां ने पुलिस को बताया कि सीमा को 30 हजार रुपये में एग डोनर लाने के लिए कहा गया था। उस 30 हजार में सीमा ने किशोरी को 11 हजार छह सौ रुपये दिए थे और बाकी रुपये खुद रख लिए। पुलिस की तफ्तीश के बाद गिरोह के सदस्यों सोनभद्र के अनपरा औड़ी मोड़ निवासी अनमोल जायसवाल, जैतपुरा थाना क्षेत्र में नक्खी घाट दलित बस्ती निवासी आशीष कुमार, उसकी पत्नी सीमा देवी, खोजवां की अनिता देवी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार सभी अभियुक्तों पर किशोरी के अपहरण, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, किशोरी के साथ जानलेवा कार्य, आधार कार्ड अधिनियम 2016 एवं धारा 33, सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनि0) अधि0 2021 के तहत मुकदमा दर्ज कर इन्हें जेल भेज दिया गया है।”

दूसरे एग डोनेशन का होगा सत्यापन –
इनफर्टिलिटी सेंटर में सोनभद्र निवासी अनमोल के जरिए हुए दूसरे ‘अंडा दान’ करने वालों का सत्यापन कराया जाएगा। आशंका है कि यह गिरोह रुपये का लालच देकर पहले से अवैध तरीके से एग डोनेशन करा रहा है।
