उत्तरप्रदेशचंदौली

अध्यात्म और एडवेंचर के लिए डेवलप होगा छान पत्थर दरी जलप्रपात

● कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की खूबसूरत वादियों को ईको टूरिज्म के तौर पर विकसित करने की तैयारी

● दुर्लभ वनस्पतियों और जैव विविधता से समृद्ध चंदौली में हैं कई अनदेखे जलप्रपात

● ब्रिटिश काल में जंगलों में बने पुराने डाक बंगलों बढ़ाएंगे ईको टूरिज्म की खूबसूरती

● ईको टूरिज्म से स्थानीय व्यंजन, शिल्प, कला और लोकगीत से परिचित होंगे दुनियाभर के सैलानी

चंदौली । कभी नक्सलियों के आतंक से त्रस्त रहा कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को पूरी तरह से ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप करने की तैयारी है। पर्यटन के जरिए रोजगार और समृद्धि की राह को प्रशस्त करने के लिए योगी सरकार अब पूर्वी उत्तर प्रदेश की खूबसूरत वादियों को विकसित करने में जुट गयी है। अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और वन्य जीवों से भरे चंदौली के कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के छान पत्थर दरी को योगी सरकार ईको पर्यटन के लिए विकसित करने जा रही है। ये वाटरफॉल मगरमच्छों का प्राकृतिक आवास भी है। इसके अलावा कैमूर रेंज में अन्य वन्य जीव भी यहां की ख़ूबसूरती और जैव विविधता को बढ़ाते हैं।

शासन को भेजा 2 करोड़ का प्रस्ताव

कैमूर रेंज के कर्मनाशा नदी पर करकटगढ़ गांव में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ अध्यात्म और एडवेंचर के लिए विकसित किये जाने की तैयारी है। जिलाधिकारी चंदौली ने इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए शासन को 2 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमा पर बसे इस क्षेत्र के डेवलप होने से स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोज़गार मिलेगा। वनस्पतियों और जीवों की अद्भुत विविधता से समृद्ध चंदौली में कई छुए और कई अनछुए जलप्रपात हैं।

डाक बंगले को रिसॉर्ट के रूप में डेवलप करने की तैयारी

चंदौली प्रशासन की ओर से ऐसे ही एक अनछुए ऐतिहासिक छान पत्थर वाटरफॉल को ईको टूरिज्म के तौर पर विकसित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जिलाधिकारी के अनुसार कर्मनाशा नदी मगरमच्छों का प्राकृतिक आवास है। करीब 75 मगरमच्छ यहां स्पॉट किये गए हैं। इस जल जलप्रपात के किनारे कभी मुग़ल और अंग्रेज अधिकारी शिकार खेलने आया करते थे। ब्रिटिश काल में यहां एक शानदार बांग्ला भी बनाया गया था। इस पुराने डाक बंगले को फिर से व्यवस्थित करके खूबसूरत रूप देने की तैयारी है।

जल, जंगल और जंगली जीव जन्तुओं का होगा संरक्षण

जिलाधिकारी के अनुसार प्रसिद्ध राजदरी-देवदरी से करीब 30 किलोमीटर दूर समावेशी पर्यटन के तौर पर छान पत्थर दरी को विकसित किया जायेगा, जिससे ईको टूरिज्म के साथ ही जल, जंगल और जंगली जीव जन्तुओं का संरक्षण भी हो सकेगा। वाटरफॉल के आसपास होने वाला निर्माण ईको फ्रेंडली वस्तुओं से होगा, जो ज्यादातर स्थानीय उत्पाद होगा। उन्होंने बताया कि ईको टूरिज्म के बढ़ने से स्थानीय व्यंजन, शिल्प, लोकगीत और कला से देश दुनिया के लोग परचित होंगे। पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही उनका जीवन स्तर भी ऊपर उठेगा।

जैव विविधता से भरा है पूरा इलाका

कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में वन्यजीव जैसे नीलगाय, चार-सींग वाले हिरण, सांभर हिरण, चीतल, स्लोथ डिअर, जंगली सूअर, तेंदुए के साथ-साथ बाघ भी प्यास बुझाने इस नदी में आते हैं, जिन्हे अक्सर देखा जा सकता है। जलप्रपात के आस-पास खूबसूरत पक्षी, जिसमें द ग्रेट ईगल, किंगफिशर, नाइटजर, वुड पीजन, ग्रे पार्ट्रिज, ग्रे-हेडेड मछली ईगल, उल्लू जैसी पक्षियों को देखा जा सकता है।

छान पत्थर दरी के आस पास ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित हैं ये कार्य :

– प्रवेश द्वार का निर्माण

– पार्किंग की जगह

– सुरक्षा के लिए हट

– शौचालय और कैंटीन के साथ स्वागत कक्ष

– सोविनियर शॉप

– गोल हट

– मचान/वॉच टावर

– सेल्फी पॉइंट

– रॉक गार्डन- स्थानीय पत्थरों से जीव जंतुओं की आकृति, बैठने के स्थान

– बम्बू प्लांटेशन सड़क के किनारे बांस के पौधे लगाए जाएंगे

– स्थानीय लकड़ियों से बच्चों के खेलने के लिए जगह

– एडवेंचर स्पोर्ट्स

– साइनेज

– बेंच और कूड़ेदान

– सौर ऊर्जा और सौर प्रकाश

– बांस की रेलिंग

– सड़क की पटरी

– मोरम की रोड

– पीने के लिए शुद्ध पेयजल

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