सोनभद्र

वन विभाग ने तेन्दुए की मौत का किया खुलासा मगर अभी भी खड़े हैं कई सवाल, जिम्मेदार अधिकारियों पर कब होगी कार्यवाही

सुप्रभात खबर

शान्तनु कुमार

सोनभद्र । जनपद न्यूज live की खबर पर आखिरकार वन विभाग ने मुहर लगा दी है । म्योरपुर रेंज के डढ़ियरा के खालेडीह जंगल में पिछले शनिवार को तेंदुए की मौत के बाद सबसे पहले जनपद न्यूज Live ने बताया था कि कैसे तेंदुए की मौत हुई है । हम लगातार इस मामले को उठाते रहे और पल-पल की खबर देते रहे कि कैसे शिकारियों ने न सिर्फ तेंदुए की जान ले ली बल्कि मरने के बाद वीडियो भी बनाते रहे ।

खबर चलने के बाद वन विभाग में हड़कम्प मच गया और इस मामले पर वन विभाग के म्योरपुर एसडीओ भानेंद्र सिंह पिपरी एसडीओ उषा देवी, रेंजर शहजादा इस्माइलुद्दीन ने मौके पर पहुंचकर तेंदुए की मौत के कारणों की हर एंगल से जांच की। वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में तीन डाक्टरों के पैनल ने तेंदुए का पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का अंतिम संस्कार किया गया था। मंगलवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टरों ने तेंदुए की मौत का कारण दम घुटना बताया।

इसी दौरान वन विभाग की टीम ने संदेह के आधार पर आधा दर्जन लोगों को पकड़कर लगातार 3 से 4 दिनों तक पूछताछ की। इसी दौरान वन विभाग को एक वीडियो क्लिप मिला जिसमें तेंदुआ तड़प रहा था इस वीडियो को बनाने वाले को विभाग द्वारा पकड़े जाने के बाद कई अहम सुराग मिले। इसी आधार पर टीम ने डढ़ियरा निवासी जिंदलाल पुत्र नवलसाय व हीरन यादव पुत्र गोगल को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तेंदुआ दिन पहले ही शाम को सात बजे उनके सूअर मारने के लिए बिछाए जाल में फंस गया था इसके बाद वह काफी तड़प रहा था उसने वहां से निकलने की पूरी कोशिश की थी लेकिन उसे सफलता नहीं मिली । इसके बाद वह लोग उसे उसी हाल में छोड़ दिए सुबह आकर देखा तो वह मृत अवस्था में पड़ा था लेकिन डर के मारे उसे पत्थर मारा गया जब वह कोई प्रतिक्रिया नहीं किया तब जाकर उन लोगों ने अपना जाल वहां से हटा दिया । इसके बाद उन्होंने वन विभाग को घटना की सूचना दे दी। पकड़े गए दोनों आरोपियों को वनकर्मी ओम प्रकाश जायसवाल की सूचना पर दर्ज मुकदमे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1970 की धारा 9, 39, 50 तथा 51 के तहत चालान कर सिविल जज जूनियर डिवीजन दुद्धी के न्यायालय में पेश किया गया जहां उनकी जमानत पर सुनवाई के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। रेंजर शहजादा इस्माइलुद्दीन ने बताया कि इस मामले में एक और आरोपी डढ़ियरा निवासी बालकेश्वर की सरगर्मी से तलाश की जा रही है जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कहा कि वन्यजीव पर होने वाले अपराध और करने वाले अपराधियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।

तेंदुए मामले में शिकारियों की गिरफ्तारी कर वन विभाग भले ही अपनी उपलब्धि मान रहा हो मगर तेंदुए की मौत ने कई सवाल छोड़ दिये हैं –

सवाल नम्बर 1:- जब जंगल में शिकारियों द्वारा लम्बे समय से जंगली सुअर का शिकार कर रहे थे तो वन विभाग को पहले कैसे नहीं पता चला ।

सवाल नम्बर 2:- इस घटना से साफ है कि वन विभाग की टीम जंगल में काम नहीं कर रही, गश्त भी नहीं हो रहे।

सवाल नम्बर 3:- घटना के बाद वन विभाग को ग्रामीणों से सूचना मिली, यदि ग्रामीण सूचना न देते तो शायद वह विभाग को पता ही नहीं चलता ।

सवाल नम्बर 4:- जंगल में लम्बे समय से शिकार हो रहा है और वन कट रहे हैं लेकिन पूछने पर वन विभाग हमेशा से अनजान बना रहता है, ऐसे में यदि वन विभाग सक्रिय रहा होता तो शायद आज तेंदुआ जिंदा होता ।

सवाल नम्बर 5:- वन विभाग आरोपियों पर कार्यवाही कर वाहवाही लूट रहा हैं लेकिन वन विभाग यह नहीं बताया कि इस घटना में उनके कौन-कौन से कर्मचारी व अधिकारी जिम्मेदार हैं और उन पर क्या कार्रवाई होगी ?

बहरहाल कुछ दिनों पूर्व जनपद दौरे पर आए वन एवं पर्यावरण मंत्री ने सोनभद्र की काफी तारीफ की थी और मीडिया द्वारा सवाल पूछने पर कहा था कि आप समस्या लिखकर दें कार्यवाही की जाएगी । अब देखने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद मंत्री जी मामले का स्वतः सज्ञान लेते हैं कि इसमें भी उन्हें कार्यवाही के लिए लिखित शिकायत चाहिए।

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