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कभी नक्सलियों का चलता था सिक्का, योगी राज में उद्योग के लिए निवेशकों ने लगाई लाइन

Prime Time Report

◆ योगी सरकार ने मूल सुविधाओं के साथ चंदौली के नक्सलग्रस्त इलाकों में कानून व्यवस्था को किया तगड़ा

◆ पूर्व के सरकारों की नीतियों और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चंदौली में नहीं लग पाए उद्योग

◆ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले ही चंदौली में लगभग 11573.22 करोड़ निवेश का आया प्रस्ताव, 57511 लोगो को मिलेगा रोजगार

वाराणसी/चंदौली । धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत उद्योगपति काफी रुचि ले रहे हैं। लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहा चंदौली आज योगी सरकार में उद्योग जगत को आकर्षित करने लगा है। उर्वरा भूमि और वन तथा प्राकृतिक सम्पदा से परिपूर्ण चंदौली में निवेशकों ने 11573.22 करोड़ रुपए का निवेश करने में इच्छा दिखाई है। इसके लिए 10617 करोड़ का एमओयू किया जा चुका है। प्रस्तावित निवेशकों के माध्यम से 57511 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।

चंदौली में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में सबसे ज्यादा निवेशक रुचि दिखा रहे हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का पड़ोसी जिला चंदौली कभी वाराणसी का हिस्सा हुआ करता था। पहले की सरकारों की नीतियों और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चंदौली में उद्योग धंधे कभी नहीं लग पाए। चंदौली जिले में संसाधनों के रहते हुए भी इंडस्ट्री नहीं पहुंच पाई।

योगी सरकार ने मूल भूत सुविधाओं के साथ विकास का काम किया और नक्सल समेत बिगड़ी कानून व्यवस्था पर नकेल कसी तो उद्योग के लिए निवेशकों ने रुचि दिखाना शुरू कर दिया। संयुक्त आयुक्त, उद्योग उमेश सिंह ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले ही लगभग 13 सेक्टर में 11573.22 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इसके लिए 176 निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है। चंदौली में उद्योगों के धरातल पर आने पर लगभग 57511 लोगों को रोजगार मिलेगा। अभी तक करीब 160 निवेशक लगभग 10617 करोड़ का एमओयू साइन कर चुके हैं।

विभाग का नाम – इंटेंट – निवेश प्रस्ताव (करोड़ में लगभग ) – रोजगार

1- पशुपालन विभाग – 1 – 1 करोड़ – 5

2- डेयरी विकास विभाग – 12 – 99.64 करोड़ – 512

3- ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोत विभाग – 5 – 370 करोड़ – 505

4- एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग – 129 – 1554 .69 करोड़ – 7810

5- खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन – 1- 4 करोड़ – 15

6- हथकरघा और कपड़ा विभाग – 5 – 401.2 करोड़ –

1250

7- बागवानी विभाग – 5 – 26.35 करोड़ – 114

8- आवास विभाग – 1 – 75 करोड़ – 200

9- चिकित्सा स्वस्थ विभाग – 1- 10 करोड़ – 60

10- तकनीकी शिक्षा – 1 – 2.56 करोड़ -18

11- पर्यटन विभाग – 5 – 134.5 करोड़ – 245

12- शहरी विकास विभाग – 1 – 25 करोड़ – 15

13- उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण – 9 – 8869.28 करोड़ – 40762

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