रमेश ( संवाददाता )

दुद्धी।भारत एक गांवों का देश है, यहां की लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या गांव में निवास करती है।गांव के विकास के लिए सरकार कटिबद्ध है।प्रतिवर्ष वर्ष गांव के विकास के लिए लाखों रुपये धन आवंटित किया जाता है ताकि गांव का चहुमुखी विकास हो सके लेकिन गांव की विकास को लेकर गांव की सरकार कितनी गम्भीर है यह किसी से छिपी नहीं है।पिछले साल गांव में सीमेंटेड बेंच व सार्वजनिक लाईट को लेकर गांव की सरकार की हुई किरकिरी को दरकिनार करते हुए 2023 के पहले पखवाड़े में भी पुराने ढर्रे पर घटिया निर्माण कार्य जारी है।
दुद्धी ब्लॉक के आदिवासी बाहुल्य गांव बघाडू को मॉडल गांव बनाने के लिए शासन द्वारा जैसे ही धन स्वीकृत हुई तो गांव की सरकार की नजर सरकारी धन के बंदरबांट पर लग गई। गांव को मॉडल बनाने के लिए गांव में नाली,सोख्ता गढ्ढा, कचरा पात्र सहित अन्य निर्माण कार्य शुरू की गई ताकि गांव को चकाचक बनाया जा सके,लेकिन बघाडू गांव में नाली, सोख्ता, कचरा पात्र के निर्माण में घटिया किस्म के ईंट लगाकर कोरम पूरा करने का खेल शुरू हो गया।
ग्रामीणों ने बताया कि मानक के अनुसार नाली,कचरा पात्र तथा सोख्ता टैंक के निर्माण में नम्बर 1 का ईंट लगाए जाने की व्यवस्था है लेकिन ग्राम प्रधान व जिम्मेदार अधिकारी गांव में चल रहे निर्माण कार्य में घटिया किस्म की ईंट आदि लगवाकर सरकारी धन के बंदरबांट करने में जुट गए हैं।ग्रामीणों ने यहां तक बताया कि जेई द्वारा घटिया ईंट नही लगाए जाने की चेतावनी दी गई थी लेकिन जैसे ही जेई चले गए तो फिर मनमानी तरीक़े से निर्माण कार्य कराने की सिलसिला शुरू हो गई।ग्रामीणों ने मॉडल गांव के नाम पर गांव में कराए गए कार्यों की जांच की मांग की है।
