सोनभद्र

डीआरएम तक पहुंचा निर्माणाधीन वाशिंग पिट गिरने का मामला, अधिकारी साइड से मलबा हटाने में जुटे

शान्तनु कुमार/घनश्याम पांडेय

– डीआरएम ने बिठाई जांच- सूत्र

– डबल इंजन की सरकार में भ्रष्टाचार की खुली पोल

चोपन में ट्रेनों की धुलाई के लिए करोड़ों की लागत से बन रहा वाशिंग पिट उद्घाटन से पहले जिस तरह से भरभरा कर धराशायी हो गया उससे न सिर्फ रेलवे विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खुल गईं बल्कि यह भी साफ हो गया कि इतना बड़ा व महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सिर्फ ठेकेदार के भरोसे छोड़कर अधिकारी निश्चिंत हो गए थे । मामला मीडिया में आया तो अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे । पहले अधिकारियों ने मामले से पल्ला झाड़ लिया था लेकिन बाद में बताया कि यह वाशिंग पिट खुद धराशाही नहीं हुआ बल्कि मानक के अनुरूप न बनने के कारण इसे गिराया गया है ।अधिकारी यह बयान देकर खुद फंस गए । क्योंकि सवाल यह उठता है कि आखिर अधिकारी को अभी क्यों लगने लगा कि काम मानक के अनुरूप नहीं हो रहा है, जबकि आधे से ज्यादा काम हो गया है । यानी साफ है कि अधिकारी कभी साइड पर निरीक्षण करने गए ही नहीं

बताया जा रहा है कि मीडिया में खबर आने के बाद रेलवे विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक साइड पर देर रात तक डटे रहे । उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वे करे तो क्या करें । क्योंकि सूत्र बता रहे हैं कि घटना की जानकारी डीआरएम धनबाद को हो गई है और उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच भी बिठा दी है । अब अधिकारियों को इस बात को लेकर चिंता सता रही है कि कभी भी डीआरएम का दौरा चोपन हो सकता है, ऐसे में वे निरीक्षण के समय क्या दिखाएंगे।

बाद में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि मौके पर पोकलेन मशीन लगाकर मलबे को साफ कर दिया जाय ताकि यदि कभी डीआरएम का दौरा हुआ तो घटनास्थल पर सब कुछ चकाचक दिखे । लेकिन अधिकारी शायद यह भूल गए कि उनकी गलती मीडिया में पहले ही उजागर हो चुकी है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि डबल इंजन की सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों व ठेकेदार पर प्रशासन क्या कार्रवाई करती है ।

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