Sonbhadra News :.........तो क्या किसी बड़े अग्निकांड के इंतजार में है जिले का स्वास्थ्य महकमा, पढ़े क्या है पूरा मामला
झाँसी की तरह सोनभद्र के सरकारी चिकित्सालयों में भी लोगों की जिंदगी से बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल के पास फायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं है। दमकल विभाग कई बार स्वास्थ्य...

फायर ऑडिट करते मुख्य अग्निशमन अधिकारी श्रीराम साहनी, एसीएमओ डॉ0 कीर्ति आजाद बिंद, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 एस0के0सिंह
sonbhadra
4:26 AM, November 21, 2024
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । अस्पतालों में आए दिन हो रही आगजनी की घटनाओं के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बेफिक्र दिख रहा है। शुक्रवार को झांसी के एनआईसीयू में हुए दर्दनाक हादसे में 11 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गयी। कारण सामने आया कि अलार्म सिस्टम ही मौके पर दगा दे गया और एक्सपायर सिलेंडर रिफिल ही नहीं कराए गए थे। इसके पूर्व के वर्षों में भी केजीएमयू लखनऊ और कोलकाता में भी इस तरह के दर्दनाक हादसे हो चुके हैं। इन हादसों के बाद शासन ने प्रदेश के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे लेकिन अग्निशमन विभाग द्वारा की जा रही फायर ऑडिट में इसकी पोल खुल जा रही है।
झाँसी की तरह सोनभद्र के सरकारी चिकित्सालयों में भी लोगों की जिंदगी से बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है। जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल के पास फायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं है। दमकल विभाग कई बार स्वास्थ्य अफसरों को पत्र लिखकर अग्निशमन यंत्र और एनओसी के लिए अवगत करा चुका है।
बुधवार को अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण में इसकी पोल खुली। हाल यह था कि जिन अस्पतालों को पांच माह पहले जांच में मानक पूरा करने पर नोटिस दिया गया, वहां अब भी व्यवस्था जस की तस है। फायर सुरक्षा के नाम पर कोई इंतजाम नहीं किया गया था।
एक वर्ष पूर्व ही हुई थी आगजनी की घटना फिर भी नहीं चेत रहे जिम्मेदार -
मुख्य अग्निशमन सुरक्षा अधिकारी श्रीराम साहनी और अग्निशमन अधिकारी करन यादव की टीम ने बुधवार को मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध जिला अस्पताल, एल-2 अस्पताल, एमसीएच विंग और ब्लड बैंक के पीछे स्थित रॉबर्ट्सगंज के प्रसवोत्तर केंद्र का निरीक्षण किया। यदि 100 बेड के एमसीएच विंग को छोड़ दिया जाय तो अन्य किसी के पास भी अग्निशमन की एनओसी नहीं मिला। सबसे खराब स्थित रॉबर्ट्सगंज स्थित प्रसवोत्तर केंद्र की थी। करीब साल भर पहले इसी केंद्र के सामने स्वास्थ्य विभाग के गोदाम में भीषण आग लगी थी, बावजूद यहां एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं मिला। टीम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। जिला अस्पताल, एल-2 और प्रसवोत्तर केंद्र का अग्निशमन अधिकारियों ने इसी साल जून में फायर ऑडिट की थी। इस दौरान मिली खामियों पर जिम्मेदारों को नोटिस जारी करते हुए जरूरी सुविधाएं पूरी कराते हुए एनओसी लेने काे कहा था लेकिन पांच माह बाद भी किसी ने न कमियां सुधारी और न ही एनओसी लेने की जरूरत समझी।
मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने इस पर नाराजगी जताते हुए शीघ्र एनओसी लेने के लिए कहा। विभाग की ओर से संबंधितों को नोटिस भी जारी की जा रही है।
ये रहे मौजूद -
निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 एस0के0 सिंह, सीएमएस डॉ0 बी0सागर, डिप्टी सीएमओ डॉ0 कीर्ति आजाद आदि मौजूद रहे।