Sonbhadra News : बीईओ के औचक निरीक्षण में फिर खुली व्यवस्था की पोल, कईं बन्द मिले विद्यालय तो कहीं गायब रहे टीचर
खंड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर विश्वजीत कुमार द्वारा शनिवार को शिक्षा क्षेत्र के कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया । जहां पर तीन विद्यालय बंद मिलने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई ।

बीईओ के निरीक्षण में बन्द मिला स्कूल
sonbhadra
8:38 AM, April 20, 2025
शान्तनु कुमार
० पुराने एआरपी पद से कार्यमुक्त होने के बाद खुद को टीचर के रूप में नहीं कर पा रहे स्वीकार
० जिले के कई एआरपी अभी भी नहीं जा रहे विद्यालय, झाड़ रहे अधिकारी का रौब
० स्कूल चलो अभियान की जगह स्कूल चलो टीचर अभियान की जरूरत
म्योरपुर (सोनभद्र) । शिक्षा का हाल यह है कि एक तरफ प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस ने बच्चों के अभिभावकों की कमर तोड़ दी है वहीं दूसरी तरफ़ सरकारी स्कूलों में टीचरों के गायब होने तथा स्कूल बंद मिलने का सिलसिला लगातार जारी है । एक अप्रैल को नए सत्र के समय सरकारी स्कूलों में बच्चों को बाकायदा टीका लगाकर स्वागत किया गया और अच्छा भोजन परोसा गया । लेकिन यह तो एक सरकारी परंपरा है जो टीचरों को अपने स्कूलों में करना था । लेकिन सच्चाई तो यह है सरकर को अब स्कूल चलो अभियान की जगह स्कूल चलो टीचर अभियान भी चलाना चाहिए क्योंकि बच्चे तो आ भी जाएंगे मगर इन टीचरों को घर से निकालना बड़ी टेढ़ी खीर है क्योंकि इसमें स्कूल के सभी टीचर शामिल हैं, जो जांच में यह कह देते है कि गायब टीचर रास्ते में है या छुट्टी का एप्लीकेशन देकर गया है, वजह साफ है कि यही काम पारा पारी सभी करते हैं। दरअसल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र मुकुल आनंद पाण्डेय द्वारा लगातार सघन अभियान चला कर विद्यालयों का औचक निरीक्षण करने हेतु निर्देश दिए जा रहे हैं जिसके क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर विश्वजीत कुमार द्वारा शनिवार को शिक्षा क्षेत्र के कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया । जहां पर तीन विद्यालय बंद मिलने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई एवं उन विद्यालयों के समस्त स्टाफ के विरुद्ध कड़ी कारवाई हेतु पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र को प्रेषित किया गया। मिली जानकारी के अनुसार बीईओ द्वारा किरबिल प्रथम का निरीक्षण 8:15 बजे किया गया जहां विद्यालय बंद पाया गया । विद्यालय की सहायक अध्यापिका शीला एवं शिक्षा मित्र राम प्रसाद अनुपस्थित पाए गए । वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय किरबिल- द्वितीय 8:25 तक बंद पाया गया जहां सहायक अध्यापक रामाश्रय यादव अनुपस्थित मिले। कंपोजिट विद्यालय बनमहरी 9:05 तक बंद पाया गया जहां एआरपी कोन रहे सहायक अध्यापक नीलमणि मिश्र द्वारा एआरपी से 31 मार्च को कार्यमुक्त होने के बाद भी अपने मूल विद्यालय पर ज्वाइन नहीं किया गया यहां इनके अलावा सहायक अध्यापक कृष्णा चौरसिया, हामिद मेराज, रविन्द्र कुमार सिंह एवं सुनील कुमार शिक्षामित्र अनुपस्थित मिले। इसके अलावा अन्य विद्यालयों के निरीक्षण में बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं पाई गई जिस पर हिदायत देते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी विश्वजीत कुमार ने अध्यापकों को निर्देशित किया कि सभी लोग हाउस होल्ड सर्वे कर, घर-घर जा कर अभिभावक संपर्क कर एवं गांव के सम्मानित एवं जागरूक व्यक्तियों तथा एसएमसी के सदस्यों का सहयोग लेकर नामांकन अभियान में तेजी लाएं जिससे परिषदीय विद्यालयों में ज्यादा से ज्यादा नामांकन हो। अध्यापक अपने दायित्व को समझते हुए समय से नियमित विद्यालय जाएं एवं बच्चों को गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान करें। बीईओ ने कहा कि एमडीएम का संचालन गुणवत्तापूर्ण किया जाए। भीषण गर्मी को देखते हुए विद्यालयों में पानी की समुचित व्यवस्था हो एवं बच्चे छाया में ही रहें इसका भी ध्यान रखा जाए। जिन विद्यालयों में पानी की समस्या है वे लिखित रूप में अवगत करा दें जिससे समय से समाधान कराया जा सके।
कुल मिलाकर सत्र भले ही बदल गया हो मगर टीचरों का रवैया नहीं बदला । स्कूल से गायब रहने और स्कूल देर से खुलने का सिलसिला बदस्तूर जारी है । ऐसे में जो अभिभवक यदि प्राइवेट में बढ़ती फीस से परेशान हैं और सरकारी स्कूलों की तरफ लौटने की सोच रहे हैं तो उनके सामने अब सबसे बड़ी समस्या यह है कि शिक्षा तो मुफ्त में मिल जाएगी लेकिन क्वालिटी और बच्चों का भविष्य क्या होगा ।