आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
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• पंचशील मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मनाई गयी गोष्ठी
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सोनभद्र । रॉबर्ट्सगंज नगर स्थित पंचशील मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सोमवार को नेशनल डॉक्टर डे पर चिकित्सकों ने काटकर मनाया दिवस आयोजित हुई गोष्ठी वक्ताओं ने डाला प्रकाश।
वहीं गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डॉ0 अनुपमा मौर्य ने बताया कि “हर साल 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। स्वस्थ जीवन हर किसी की प्रियोरिटी लिस्ट में टॉप पर होता है। कहा भी गया है कि सेहत सबसे बड़ी पूंजी है। हेल्दी व्यक्ति ही लाइफ को सही तरह से एन्जॉय कर सकता है। इसमें डॉक्टर्स का रोल बहुत अहम होता है। छोटी बड़ी हर तरह की बीमारियों को डॉक्टर्स की मदद से ठीक किया जा सकता है। शायद इसलिए, इन्हें भगवान का दर्जा मिला हुआ है। हमारे समाज में बहुत से ऐसे डॉक्टर है, जो सिर्फ मरीजों की सेवा करने के लिए ही जीते हैं। वही उन्हों ने बताया कि तमाम डॉक्टर्स ऐसे हैं, जो छुट्टी के दिन भी मरीज के ऑपरेशन या इलाज के लिए संस्थान आते हैं। यहां तक, कि अगर मरीज के पास दवा लेने का पैसा नहीं होता है, तो वह मरीज को दवा खरीद कर भी देते हैं और पूरा इलाज का खर्चा भी खुद उठाते हैं।”
वहीं डॉ0 सौरभ सिंह ने बताया कि “डॉक्टर बनना एक सपना ही था माता-पिता के चाहते थे और उन्हीं के सपनों को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत की, विभाग में मरीज को देखना एक ड्यूटी नहीं, बल्कि कर्तव्य है। जिसे हम पूरी शिद्दत से करते हैं। कोरोना काल में ऐसा समय था, जब सात से आठ दिन तक बच्चों से नहीं मिल पाए थे। यहां तक की घर पर मेड भी नहीं थी। उस समय हमने अपने कर्तव्य को सबसे ऊपर रखा। बहुत सारे मरीज हैं जो ठीक होकर जाते हैं।”
डॉ0 अनुपमा मौर्य ने बताया कि “कुछ पेरेंट्स का भी सपना था और अपना भी सपना था, बिना घर वालों के सहयोग के यह क्षेत्र में कोई आगे नहीं बढ़ सकता है। क्योंकि, इसमें बहुत समय लगता है और समय लगने के साथ-साथ इस क्षेत्र में होते हुए परिवार को टाइम न दे पाना भी एक बड़ा दुख है। इमरजेंसी में कभी भी कॉल आता है, तो मरीज को देखने तुरंत जाना होता है। कभी-कभी हम 18 घंटे की ड्यूटी करते थे, कभी नाइट ड्यूटी के बाद फिर वापस ड्यूटी पर आना होता था। मरीज को देखना हमारी प्राथमिकता है।”
वहीं अस्पताल प्रबंधक डायरेक्टर पवित मौर्य ने बताया कि “माता-पिता और मेरा खुद का भी निर्णय था, कि मुझे चिकित्सा क्षेत्र में ही आगे बढ़ाना है. क्योंकि, मैं हमेशा से चाहता था कि मैं दूसरों की मदद कर सकूं. यही एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिए मैं आम जनता से संपर्क में रहता हूं और उनकी मदद कर पाता हूं। चाहे वह मदद किसी भी प्रकार की हो, कोशिश करता हूं, कि उनका इलाज हो सकें और वह स्वस्थ हो, जो गरीब मरीजों की काफी मदद करते हैं। बहुत सारे ऐसे मरीज आते हैं, जो आर्थिक तौर पर कमजोर होते हैं, उनका इलाज का खर्चा या फिर दवा का खर्चा वह खुद उठाते हैं। वंचित लोगों की मदद करने के लिए इससे अच्छा रास्ता कोई और नहीं है।”
इस दौरान डायरेक्टर पवित मौर्या, डॉ0 सुशील कृष्णमूर्ति, डॉ0 रामराज सिंह, डॉ0 दीप नारायण, डॉ0 अंजनी कुमार सिंह, डॉ0 रामाश्रय पटेल आदि लोग मौजूद रहे।