रमेश यादव (संवाददाता)
– मार्च महीने में तहसील अधिकारियों ने की थी छापमारी, तब बताया था सबकुछ ठीक
दुद्धी (सोनभद्र) । दुद्धी तहसील एवं कोतवाली क्षेत्र के कादल गांव में सड़क किनारे संचालित एक ऐसे कोल डिपो का पुलिस ने खुलासा किया है, जो पिछले कई वर्षों वैधता का चोला ओढ़े हुए काले कारनामे को अंजाम दे रहा था। हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले माह तहसील दुद्धी के अधिकारियों ने इस डिपो को जांच उपरान्त सही बताया था। कोतवाली पुलिस द्वारा दुद्धी क्षेत्र में चल रहें अवैध काला सोने के खेल का पर्दाफाश करने के बाद जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। लोगों का कहना हैं कि आखिर विगत 2-3 सालों से किसके शह पर यह काला कारोबार चल रहा था, यह जाँच का विषय हैं? प्रभारी निरीक्षक दुद्धी कुमुद शेखर सिंह ने कथित अवैध रूप से संचालित कोल डिपो के झारखंड निवासी स्वामी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में स्वयं तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराया है । वहीं पुलिस की कार्रवाई की के बाद से ही कोल डिपो का स्वामी फ़रार बताया जा रहा है । हैरानी की बात यह है कि तहसील मुख्यालय से चंद किमी की दूरी पर यह कोल डिपो पिछले तीन सालों से संचालित होता रहा और किसी भी अधिकारी की नजर इस काले कारोबार पर नही गयी।
प्रभारी निरीक्षक दुद्धी कुमुद शेखर ने अपनी ओर से दिए तहरीर में कहा है कि 28 अप्रैल को वे मय हमराह हेड कॉन्स्टेबल उमेश कुमार, आशीष कुमार व चालक अमरनाथ यादव के साथ रजखड़ तिराहे पर खड़े थे । इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि कादल में स्थित मेसर्स ओम साईं राम अवैध कोयले की चोरी कर कटिंग की जा रही है । उक्त सूचना पर मुखबीर के साथ मय हमराह उक्त कोल डिपो के लिए चले तो दो ट्रक चालकों द्वारा पुलिस की सरकारी गाड़ी देखकर अपने वाहनों को स्टार्ट कर म्योरपुर रोड की ओर तेजी से भागने में सफल रहे । दोनों ट्रक चालक ट्रक ले फरार हो गए। वापस आकर कोल डिपो पहुँचे तो पता चला कि उक्त कोल डिपो का मालिक राजीव मौके से फरार हो गया है । जांच में फर्म के अंदर एक ही स्थान रखा हुआ मिलावटी कोयले का स्टॉक पाया उक्त कोयले पर मोटर से पानी डालकर भिगोया जा रहा था ।
फर्म के मालिक द्वारा भिन्न-भिन्न स्थानों से कम दाम पर कोयला खरीदकर जालसाजी से मिलावट कर कूट रचना करके तैयार मिलावटी माल को अधिक दामों पर बेचकर भारी मुनाफ कमाते हैं। फर्म में कुछ ऐसी वस्तुएं रखी हुई मिली जो कोयले में मिक्स कर बेचने हेतु रखी गयी है, जो देखने पर कोयला प्रतीत नही हुआ । फर्म के मालिक द्वारा वैध लाइसेंस के आड़ में यह कार्य किया जाता रहा है, उक्त स्थल पर कुछ ग्रामीण आये लेकिन बिना नाम बताए वहां से चले गए। प्रभारी निरीक्षक दुद्धी के तहरीर पर मेसर्स ओम साईं राम कोल डीपो के स्वामी राजीव रंजन के विरुद्ध आईपीसी की धारा 379,419,420 ,467,468,471 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर कोतवाली पुलिस अभियुक्त कोल डिपो के स्वामी के धर पकड़ में जुट गई है। पुलिस के कार्रवाई ने माह भर पूर्व तहसील दुद्धी के अधिकारियों द्वारा की गई जांच पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है । बता दे कि दुद्धी तहसीलअधिकारियों ने 22 मार्च 24 को कादल में संचालित उक्त कोल डिपो का जांच किया था और सब कुछ ठीक होने की बात बतायी गई थी।