नीरज सिंह (संवाददाता)
सलखन (सोनभद्र) । सलखन सुईयां चट्टान मस्जिद में गुरुवार के दिन सुबह 8:00 बजे ईद उल अजहा (बकरीद)की नमाज़ बड़े अकीदत और शांति पूर्ण माहौल में अदा की गईlसलखन के इमाम मौलाना गुलाम रब्बानी ने नमाज पढ़ाई। वहीं नमाज पढ़ने के बाद मुस्लिमभाइयों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद उल अजहा बकरा ईद का मुबारकबाद दिए। इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से बकरीद का त्योहार 12वें महीने की 10 तारीख को मनाया जाता है. रमजान का महीने खत्म होने के 70 दिन के बाद बकरीद का त्योहार मनाया जाता है। बकरीद के दिन आखिर क्यों कुर्बानी दी जाती है. ये भी आपको बताते हैं. दरअसल इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अपने पुत्र हजरत इस्माइल अलैहिस्सलाम को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे तो अल्लाह पाक ने जन्नत से एक दुम्बा भेजकर उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया थे. उन्हीं की याद में यह पर्व मनाया जाता है. ये कुर्बानी पैगम्बर इब्राहीम अलैहिस्सलाम के जमाने में शुरू हुई । इस्लाम में कई सारे पैगम्बर आये हैं. पैगम्बर अल्लाह के दूत या मैसेंजर को कहा जाता है। लोगों ने मस्जिद में नमाज अदा किया उन्होंने बताया कि सलखन सहित गुरमा गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगो ने नमाज अदा किया है। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर चोपन थाने की पुलिस मौजूद रही