पी0के0 विश्वकर्मा (संवाददाता)
◆ एक डाक्टर के सहारे चल रहा ही अस्पताल, इमरजेंसी की कोई सुविधा नहीं
कोन (सोनभद्र) । स्थानीय विकास खण्ड कोन में करोड़ों की लागत से बने सीएचसी भवन पिछले पांच वर्षों से धूल फांक रहा है । अस्पताल संचालित न होने से क्षेत्र के ग्रामीण काफी परेशान है। आलम यह हैं कि ग्रामीणों को इमरजेंसी में लगभग 40 किमी0 दूर चोपन सीएचसी जाना पड़ता है ।
जानकारी के अनुसार लगभग दो लाख आबादी वाले क्षेत्र कोन में सीएचसी का निर्माण होते ही क्षेत्रवासियों मे काफी उत्साह था उन्हें लगा कि कम से कम उनका इलाज उनके घर के पास हो जाएगा और उन्हें ज्यादा भटकना नहीं पड़ेगा । परन्तु भवन निर्माण पूरा हुए लगभग पांच वर्ष बीत गये लेकिन आजतक डाक्टरों व स्टाफों की पोस्टिंग न होने से क्षेत्र के मरीजों का इलाज भी रामभरोसे ही चल रहा है। आज भी क्षेत्र के मरीजों को स्वास्थ्य चेकअप या इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। जिससे गरीब जनता को आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ रहा है। इसके अलावा कई लोगों को आर्थिक तंगी के कारण झोलाछाप डॉक्टर की शरण में जाना पड़ता है, जहां कई बार मरीजों को अपनी जान तक गवाना पड़ता है ।
लोगों का कहना है कि पिछले कई दशक से महज एक ही डाक्टर के भरोसे क्षेत्रवासियों का स्वास्थ्य व्यवस्था चल रहा है। अब जब सोमवार 6 जनवरी को डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का आगमन क्षेत्र में हो रहा है तो क्षेत्र के लोगों में एक बार फिर उम्मीद जगी है कि स्वास्थ्य मंत्री यहां आकर स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करेंगे और लोगों को स्थानीय सीएचसी से ही इलाज मिल सकेगा।