सोनभद्र

चुर्क बाजार में पहले से लगे हाईमास्ट से 20 मीटर दूरी पर लग रहा दूसरा हाईमास्ट, लोगों में आक्रोश

आनंद चौबे (संवाददाता)

सोनभद्र । जिले में डीएमएफ फंड का किस तरह दुरुपयोग हो रहा और जिलाधिकारी से तथ्य छिपाकर काम कराया जा रहा है, यह चुर्क में आसानी से देखा जा सकता है । चुर्क में रोडवेज व नगर पंचायत के बीच चल रहे विवादित भूमि पर एक हाईमास्ट लगाये जाने हेतु उसका फाउंडेशन तैयार किया जा रहा है । चुर्क बाजार में लगने वाले हाईमास्ट को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है । लोगों का कहना है कि जिस जगह पर हाईमास्ट लगाया जा रहा है वहां से महज 20 मीटर की दूरी पर पहले से नगर पंचायत चुर्क-घुरमा द्वारा एक हाईमास्ट लगाया गया है, जो उपयोग में है । वावजूद इसके महज 20 मीटर की दूरी पर दूसरा हाईमास्ट लगाए जाने की उपयोगिता क्या है, यही लोगों के समझ में नहीं आ रहा।
सूत्रों की माने तो जिस कार्यदायी संस्था को यह काम दिया गया है उसे लेबर कालोनी शिव मंदिर के पास लगाए जाने को कहा गया था मगर ठीकेदार द्वारा जबरन विवादित भूमि पर लगाया जा रहा है ।
लोगों ने बताया कि विवाद को देखते हुए ठेकेदार युद्ध स्तर पर दिन-रात काम लगाया हुआ है ताकि काम को खत्म कर भुगतान ले सके ।
चर्चाओं की माने तो ठीकेदार द्वारा इस काम को लेकर प्रतिष्ठा बना लिया गया है और उनके लोगों द्वारा यह कहा जा रहा है कि बाद में नगर पंचायत द्वारा लगाए हाईमास्ट को हटा दिया जाएगा ।
ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता हैं कि जब नगर पंचायत चुर्क द्वारा बाजार में लाखों रुपये खर्च कर हाईमास्ट लगाया गया है तो दूसरा हाईमास्ट लगाने की उपयोगिता क्या है, जो उपयोग में है और बाजार को रौशन किया हुआ है ।
बड़ा सवाल तो यह भी है कि सूत्रों के मुताबिक जिस स्थान के लिए यह हाईमास्ट चयनित था वहां क्यों नहीं लगाया जा रहा । क्यों ठेकेदार द्वारा विवादित भूमि पर हाईमास्ट लगाया जा रहा है, जो नगर पंचायत व रोडवेज के बीच जमीनी विवाद चल रहा है । और आखिर क्यों नगर पंचायत द्वारा लगाए हाईमास्ट को हटाने की चर्चा चल रही है जबकि वह अभी भी बाजार को रौशन कर रहा है । सवाल तो यह भी खड़ा होता है कि यदि रौशनी को बढ़ाना था तो लगे हुए हाईमास्ट को अपग्रेड किया जा सकता था, आखिर उसके लिए दूसरे हाईमास्ट की आवश्यकता क्यों पड़ी ।
लोगों का मानना है कि जिलाधिकारी को गुमराह कर डीएमएफ फंड का दुरुपयोग किया जा रहा, जिसे रुकना चाहिये और गलत प्रस्ताव व कार्य कराए जाने को लेकर कार्यवाही किये जाने की जरूरत है।

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