सोनभद्र

क्या अवैध खनन में लेखपाल हैं मास्टरमाइंड, एसडीएम के वायरल पत्र से मचा हड़कम्प

शान्तनु कुमार/आनंद चौबे

◆ ओबरा एसडीएम ने लेखपाल पर लगाए कई गंभीर आरोप

◆ आखिर खुद अपने विभाग में क्यों फेल हो रहे सीएम योगी

◆ खनन विभाग है सीएम के पास

◆ मगर खनन माफियाओं के हौसले हर सरकार में बुलंद

फ़ाइल फोटो

सोनभद्र । पहली बार सत्ता संभालते ही सीएम योगी ने कई बड़े फैसले लिए जिनमें एक फैसला खनन विभाग को अपने पास रखना और माफियाओं को उनकी सही जगह भेजना था । सीएम योगी जानते थे कि खनन किसी और के पास गई तो सरकार पर आंच आना तय है और माफिया बाहर रहेंगे तो सूबे में रामराज आना सम्भव नहीं । योगी सरकार माफियाओं पर लगाम लगाने में सफलता तो पा ली लेकिन खनन व खनन माफियाओं पर अब तक लगाम नहीं लग सका है । सरकार चाहे किसी की हो खनन माफियाओं की हमेशा चांदी कटती रही है ।
खनन माफियाओं के आगे सरकार से लेकर अधिकारी तक कितने बेबस और मजबूर हैं इसका उदाहरण ओबरा एसडीएम द्वारा तहसीलदार को लिखे गए अपने पत्रांक संख्या-454/आ0लि0 एसडीएम/2022-2023 दिनांक 24 दिसम्बर 2022 को देखा जा सकता है । ओबरा एसडीएम ने लिखा गया कि रेखा देवी, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत बिल्ली मारकुण्डी, वि० खं० चोपन, सोनभद्र द्वारा अवैध खनन को लेकर एक शिकायती प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था । उक्त शिकायत की जांच क्षेत्रीय लेखपाल को दिया गया था । क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा जॉच कर आख्या 16 दिसम्बर 2022 को उपलब्ध करायी गयी । जिसमें उल्लिखित किया गया है कि ग्राम बिल्ली मारकुण्डी के स्थित गाटा संख्या 4823 , 4821 , 4814 , 4847 , 4848,4849,4850 , 4851 , 4860 मि , 4771 , 4772 , 4780 , 4782 , 4784 , 4845 , 4815 मि 4816 मि , 4817 मि 4818 मि 4853 मि 4820 मि 4810 मि कुल 8.79 एकड़ , दिनांक 31-05-2016 से दिनांक 30-05-2016 तक के लिए मधुसुदन सिंह पुत्र राम वदन निवासी हिनौती, थाना घोरावल , जनपद सोनभद्र एवं दिलीप कुमार केशरी पुत्र स्व0 लक्ष्मण प्रसाद निवासी अयप्पा मंदिर बिल्ली-मारकुण्डी, जनपद सोनभद्र के पक्ष में डोलो स्टोन खदान स्वीकृत हुआ है । खनन पट्टा धारकों द्वारा गाटा संख्या 4824 रकबा 0.2910 जो पुरानी परती खाते में दर्ज है, में लगभग 20 मीटर गहरा गड्डा किया गया है । वर्तमान समय में उक्त गाटे में खनन नहीं हो रहा है । गाटा संख्या 4857 रकबा 0.1770 हे 0 में से 0.0760 हे 0 रकबे पर अवैध खनन करते हुए 45 मीटर गहरा गड्डा खोदकर भूमि का स्वरूप परिवर्तित कर दिया गया है । आराजी संख्या 4846 ख रकबा 0.0630 हे0 बाँध खाते में दर्ज है । जिसमें लगभग 2 मीटर गहराई में पत्थर का अवैध खनन करके अतिक्रमण किया गया है । ओबरा एसडीएम ने अपने पत्र में लिखा कि यदि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अवैध खनन के संबंध में ससमय आख्या उपलब्ध करायी गयी होती तो खननकर्ताओं द्वारा अवैध खनन किया जाना संभव न होता । परन्तु क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा खननकर्ताओं के साथ दुरभिसंधि करके अवैध खनन की आख्या से उच्चाधिकारियों को अवगत न कराकर अवैध खनन में सहयोग प्रदान किया गया है । उक्त प्रकरण की जॉच अधोहस्ताक्षरी द्वारा भी की गयी। जॉच में पाया गया कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अनुशासनहिनता की गयी है। जॉच आख्या के साथ क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा स्पाटमेमो व जी.पी.एस. फोटोग्राफ्स उपलब्ध नहीं कराया गया है । पास में स्थित गंगा स्टोन व बालाजी स्टोन द्वारा भी अवैध रूप से खनन किया गया है परन्तु लेखपाल द्वारा उक्त दोनों स्टोन के विरूद्ध अपनी आख्या में कोई उल्लेख नहीं किया गया है । ऐसा प्रतीत होता है कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अवैध खननकर्ताओं से दुरभिसंधि करके अवैध खनन में सहयोग प्रदान किया जा रहा है । एसडीएम ने लिखा कि क्षेत्रीय लेखपाल के सहयोग से खननकर्ताओं द्वारा ग्राम समाज की भूमि पर अवैध खनन किया जा रहा है। प्रकरण में लेखपाल की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है । अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि ग्राम समाज की भूमि पर अवैध खनन करने व क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अवैध खनन के संबंध में ससमय आख्या प्रस्तुत न करने के कारणों एवं संबंधित लेखपाल की अवैध खनन कराये जाने में भूमिका की जॉच करते हुए स्पष्ट आख्या एक सप्ताह के भीतर अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें जिससे शिकायतकर्ता रेखा देवी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत बिल्ली मारकुण्डी द्वारा प्रस्तुत शिकायती प्रार्थना पत्र का निस्तारण किया जा सके ।

एसडीएम द्वारा 24 दिसम्बर को लिखे गए पत्र के क्रम में क्या जबाब आया यह तो साफ नहीं हो सका है लेकिन इतना जरूर है कि खनन को लेकर जिस तरह से खनन माफियाओं की भूमिका देखी जा रही है और कर्मचारियों की मिलीभगत कर खेल खेला जा रहा है उससे न सिर्फ सरकार की किरकिरी हो रही बल्कि सीएम योगी खुद अपने विभाग में कैसे फेल होते नजर आ रहे हैं यह भी दर्शा रहा है। जरूरत है अन्य माफियाओं की तरह खनन माफियाओं पर भी अंकुश व कार्यवाही किये जाने की ताकि ससमय उनपर लगाम लगाया जा सके और उन्हें भी उनके सही जगह भेजा जा सके ।

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