सोनभद्र

चांचीकला सोननदी पर नवनिर्मित पुल पर आवागमन बहाल होते ही सैलानियों कि उमडऩे लगी भीड़

पी0के0 विश्वकर्मा(संवाददाता)

कोन। सोनभद्र का अति पिछड़ा व दुरूह गांव तरिया क्षेत्र के रानीडीह मे पुल बनते ही लोग पर्यटन के दृष्टि से सैलानियों समेत क्षेत्र के ग्रामीणों का भीड जाना शुरू हो गया है। एक माह पहले ही चांचीकला सोननदी पर नवनिर्मित पुल पर आवागमन शुरू होते ही क्षेत्र के लोगों मे काफी उत्साह के साथ दृष्य देखने वालों की ताता लगी हुयी है।जहां कभी लोग जाने से डरते थे आज वहां पर्यटन के रूप मे देखे जाने लगा है। जानकारी के अनुसार नववर्ष व मकरसंक्रांति के दिन कोन क्षेत्र समेत दूरदराज से सैकड़ों की संख्या मे पुल के समीप सोननदी के किनारे चकरघट्टा घाटी पर सैकड़ों लोगों ने डुबकी लगाई। मकरसंक्रांति के पावन पर्व पर सैकड़ों ग्रामीणों के साथ ग्राम प्रधान / संगठन के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी कुमार जायसवाल ने डुबकी लगाते हुये बताया की वास्तव मे चकरघट्टा घाटी का मनोरम दृष्य देखकर लगता है कि गोवा व शिमला घूमने का आनंद सोनभद्र के रानीडीह मे भी मिल सकता है। जो प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जहां एक तरफ उची पहाड़ी पर स्थित बहुचर्चित मां अमिलाधाम व गुप्त धाम स्थित है। ग्रामीणों ने बताया की गुप्त धाम फर पानी कि किल्लत को देखते हुये श्रध्दालुओं की सुविधा हेतु समाजसेवी लक्ष्मी जायसवाल ने एक नि:शुल्क बोर कराकर हैण्डपम्प स्थापित कराये है।जानकारी के अनुसार यह घाट तीन राज्यों से घिरा बार्डर पर स्थित बहुत कुछ बया कर रही है।ग्रामीणों ने शासन प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुये रानीडीह सोननदी किनारे स्थित चकरघट्टा घाट को पर्यटन के रुप मे विकसित कराने का पुरजोर मांग किया है।जिससे क्षेत्र के विकास होना तय माना जा रहा है।इस मौके पर मुख्य रूप से लक्ष्मी जायसवाल, रंगीलाल,संजय शर्मा, नागेश्वर राय, जगरनाथ पासवान,प्रधान अजय कुशवाहा, ददन भारती, समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने डुबकी लगाकर गुप्त धाम का दर्शन किया।

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