रमेश ( संवाददाता )

दुद्धी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं ताकि स्वच्छता अभियान को अमलीजामा पहनाया जा सके।गांव में व्यक्तिगत शौचालय के अलावा दुद्धी ब्लॉक के प्रत्येक गांव में एक – एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है जिसकी कीमत लगभग 6 लाख रुपये के ऊपर बताई गई।गांव में बने सामुदायिक शौचालय के संचालन पर सरकार द्वारा प्रतिमाह लगभग 9 हजार रुपये खर्च किए जा रहे हैं लेकिन दुद्धी ब्लॉक के विभिन्न गांवों में बने शौचालय की हकीकत कुछ और ही है।गुरुवार को दुद्धी ब्लॉक के गांवों में बने सामुदायिक शौचालय की पड़ताल की गई तो हकीकत की पोल खुल गई।दुद्धी ब्लॉक के महुअरिया गांव में बने सामुदायिक शौचालय टूटे फूटे हुए थे तो वही एक शौचालय ग्रामीणों द्वारा जाम होने की बात बताई गई जबकि सामुदायिक शौचालय में कही भी हार्पिक व साबुन आदि नही दिखाई गई जबकि सामुदायिक शौचालय की पाइप बिना कनेक्ट ही देखने को मिला।वहीं दुद्धी ब्लॉक के तुर्रीडीह गांव में बने सामुदायिक शौचालय की स्थिति भी आधी अधूरी देखी गई, वहाँ भी पानी सप्लाई की पाइप अव्यवस्थित देखने को मिला।जबकि टाइल्स सहित अन्य टूटे फूटे सामना इधर उधर बिखरे पड़े।वहीं दुद्धी ब्लॉक के रन्नू गांव में बने समुदायिक शौचालय की स्थिति भी संतोषजनक नहीं रही।
जिस तरह सरकार सामुदायिक शौचालय पर प्रतिमाह हजारों रुपये खर्च कर रही हैं उसको लेकर गांव के अधिकारी और ब्लॉक के हुक्मरानों को अपनी जिम्मेदारी समझने की जरूरत है तभी सरकार की योजनाएं गांव तक आसानी से पहुच सकती है।ग्रामीणों ने ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों से प्रत्येक महीने सामुदायिक शौचालय की स्थलीय जांच की मांग की है।
इस सम्बंध में खण्ड विकास अधिकारी सुनील सिंह का पक्ष लेने हेतु उनके सीयूजी नम्बर पर सम्पर्क किया गया लेकिन फोन रिसीव नही होने के कारण उनका पक्ष नही लिया जा सका।