Sonbhadra News : नसबंदी के बाद स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल, एक बेड पर लेटा दिया कई मरीजों को
शान्तनु कुमार/राजेश कुमार
जिले के दूरस्थ इलाकों में शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चली है । जहां एक तरफ शिक्षा के क्षेत्र में लगातार मीडिया में खबरें आ रही है कि टीचर के न आने से विद्यालय ही नहीं खुले और बच्चों को बैरंग वापस घर लौटना पड़ा वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था भी दूर-दराज के इलाकों में भगवान भरोसे ही चल रहा है । शुक्रवार को कुछ ऐसा ही नजारा बभनी सरकारी अस्पताल में देखने को मिला, जहां नसबंदी का कैम्प लगाया गया था । नसबंदी कैम्प अपने तय समय पर शुरू कर दिया गया लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीजों को जब बेड पर लिटाना हुआ तो विभाग की पोल खुल गयी । जितने मरीजों का ऑपरेशन किया गया था उतनी व्यवस्था ही नहीं थी यानी बेड पर्याप्त नहीं था लिहाजा एक बेड पर दो या तीन मरीजों को लिटाया गया । नसबंदी कराने आये परिजनों का कहना है कि वे कर ही क्या सकते हैं। जल्दी जल्दी ऑपरेशन कर यहीं वार्ड में भेज रहे हैं, जहां जगह ही नहीं है। आपको बतादें कि कुल 35 लोगों का नसबंदी ऑपरेशन किया गया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब तिथि तय थी और नसबंदी कराने वालों का रजिस्ट्रेशन पता था तो तैयारी पहले क्यों नहीं की गई ? आखिर इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है ? जबकि सरकार की तरफ से मरीजों के लिए ऑपरेशन बाद कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है लेकिन स्वास्थ्य विभाग केवल टारगेट पूरा करने में ही जुटा हुआ है, उसे मरीजों के स्वास्थ्य की कोई फिक्र नहीं, वरना इस तरह के हालात कभी देखने को नहीं मिलती ।