World Physiotherapy Day 2024 : कंप्यूटर-मोबाइल के दौर में फिजियोथैरेपी कारगर
लोगों की बदलती लाइफस्टाइल और कंप्यूटर-मोबाइल के इस दौर में गर्दन और कमर दर्द आम होता जा रहा है हर दूसरे व्यक्ति को ऐसी परेशानी देखने को मिल रही है। ऐसे में बिना साइड इफेक्ट के फिजियोथेरेपी से इलाज....

sonbhadra
10:35 PM, September 8, 2024
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । लोगों की बदलती लाइफस्टाइल और कंप्यूटर-मोबाइल के इस दौर में गर्दन और कमर दर्द आम होता जा रहा है हर दूसरे व्यक्ति को ऐसी परेशानी देखने को मिल रही है। ऐसे में बिना साइड इफेक्ट के फिजियोथेरेपी से इलाज करने का चलन भी तेजी से बढ़ा है। फिजियोथैरेपिस्ट चिकित्सकों का युवाओं के साथ ही वरिष्ठ जन में कार्य क्षमता की कमी को दूर करने, खेलकूद के दौरान चोट लगने पर महत्वपूर्ण योगदान है।
वहीं अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर लव वर्मा ने आज विश्व फिजियोथैरेपी दिवस पर जिले के सभी फिजियोथैरिपिस्टों को शुभकामनायें दिया है।
खेलों में भी तेजी से बढ़ा फिजियोथैरेपी का उपयोग -
विंध्यवासिनी फिजियोथैरेपी सेंटर के संचालक फिजियोथेरेपिस्ट आशीष मिश्रा ने बताया कि "हर साल 8 सितंबर को विश्व फिजियोथैरेपी डे यानी विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को फिजियोथैरेपिस्ट की ओर से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी जा सके साथ ही फिजियोथेरेपी क्या है और किस तरह से काम करता है, इसकी जानकारी भी दी जा सके। उन्होंने बताया कि फिजियोथैरेपी उपचार की अलग-अलग तकनीकों से शरीर के किसी भी अंग में लगी चोट या दर्द से राहत मिलती है।फिजियोथैरेपी का इस्तेमाल अब कई अलग-अलग शारीरिक समस्याएं दूर करने के लिए किया जा रहा है। ये थेरेपी ऑस्टियो आर्थराइटिस, घुटने के दर्द, अल्जाइमर रोग, पीठ दर्द, पार्किंसंस रोग, मांसपेशियों में खिंचाव, बर्साइटिस, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, अस्थमा, फाइब्रोमायल्गिया, घाव, मसल्स की जकड़न, संतुलन विकार जैसे और भी कई स्थितियों में कारगर है। फिजियोथेरेपी सिर्फ दर्द से ही राहत नहीं दिलाती, बल्कि ये तनाव दूर करने में भी असरदार है। फिजियोथेरेपिस्ट किसी तरह की चोट व शारीरिक अक्षमता में सुधार लाने में मदद करते हैं। इस पद्धति का उपयोग आज कल खेलों में भी तेजी से हो रहा है।"
मेडिसिन के साथ फिजियोथैरेपी हो सकता है बेहतर -
जिला अस्पताल में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट दीपक सिंह ने बताया कि "जहां एक ओर नई-नई बीमारियां बढ़ रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर गलत तरीके से एक्सरसाइज, गलत तरीके से बैठकर या लेटकर मोबाइल, लैपटॉप का इस्तेमाल करने से गर्दन, कमर, घुटना दर्द जैसी दिक्कतें भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में अधिकांश लोग, दर्द निवारण के लिए मेडिसिन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन उस दर्द को पूरी तरह से ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा नहीं लेते हैं, जो उनके इलाज के लिए काफी बेहतर साबित हो सकती है।"
बगैर दवा के उपयोग ठीक होते हैं कई तरह के दर्द -
फिजियोथैरेपिस्ट बृजेश दुबे बताते हैं कि "अगर दर्द से जुड़ी हुई दिक्कतें हैं, तो उसको बिना किसी दवाई के और बिना किसी साइड इफेक्ट के फिजियोथेरेपी से ठीक किया जा सकता है। क्योंकि एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी के लिए कोई समय ऐसा निर्धारित नहीं है कि इतने समय तक ही करना है। बल्कि कितने समय तक भी कर सकते हैं। हालांकि, कुछ बीमारियों में शत-प्रतिशत मरीजों को राहत मिल जाती है, लेकिन कुछ बीमारियों में एक सहायक इलाज के रूप में भी इस्तेमाल किया जाया है। वर्तमान समय में योग और रनिंग का प्रचलन काफी अधिक बढ़ गया है। लेकिन बिना किसी सलाह के रनिंग कर रहे हैं तो उसका पैर के घुटनों में काफी असर पड़ता है। इससे ज्वाइंट पेन और हिप ज्वाइंट पेन भी होने की आशंका रहती है। ऐसे में अगर मिनिमम और मैक्सिमम परिधि को ध्यान में रखते हुए अपने रोजमर्रा के जीवन में योग और रनिंग को अपनाते हैं, तो यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।"
मोबाइल का अधिक उपयोग बना रहा रोगी -
50 बेड आयुष हॉस्पिटल में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट राकेश सिंह बताते हैं कि "फिजियोथेरेपी सेंटर पर बुजुर्गों-युवाओं के साथ अब 15 से 18 वर्ष के किशोर भी दिखने लगे हैं। यह चिंताजनक है। इसका बड़ा कारण मोबाइल और कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल और आउटडोर गेम व शारीरिक श्रम न करना है। कुछ किशोरों को कमर दर्द जिम में जाने के कारण भी होता है। अगर जिम में सही ट्रेनर नहीं मिले तो भी समस्या हो सकती है।"