Sonbhadra News : छठवीं पुण्यतिथि पर योगेश शेखर को साहित्यकारों ने किया याद
योगेश शेखर ने देश और समाज के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। शोषित पीड़ित मजलूमों की आवाज थे योगेश शेखर। समाज के अंतिम व्यक्ति की पीड़ा को मजबूती से उठाते थे योगेश शेखर। उनके जैसा दूसरा.....

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8:06 PM, September 19, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
• सोन साहित्य संगम ने पुण्यतिथि पर काब्य गोष्ठी की आयोजित
सोनभद्र । योगेश शेखर ने देश और समाज के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। शोषित पीड़ित मजलूमों की आवाज थे योगेश शेखर। समाज के अंतिम व्यक्ति की पीड़ा को मजबूती से उठाते थे योगेश शेखर। उनके जैसा दूसरा कोई हो ही नही सकता। उन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज को दे दिया। उनका चिंतन बेमिसाल था। मैं उन्हें अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि अमरनाथ अजेय ने प्रख्यात लोकतंत्र सेनानी, समाजवादी चिंतक साहित्यकार पत्रकार शोषित पीड़ित मजलुमों के लिए आजीवन संघर्षरत, लोक कल्याण के लिए सदैव समर्पित, सच्चे समाज सेवी कर्मयोगी व सादगी की प्रतिमूर्ति, सोन साहित्य संगम सोनभद्र के संस्थापक निदेशक योगेश शुक्ला उर्फ योगेश शेखर की छठवीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कही।
इस अवसर पर सोनभद्र के नामचीन साहित्यकारों एवम पत्रकारों और समाज सेवियों ने भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी स्मृतियों को साझा किया। सोन साहित्य संगम के तत्वाधान में उनके निज निवास न्यू कालोनी में एक विचार गोष्ठी/काब्य गोष्ठी का आयोजन दिन के तीन बजे से किया गया था जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सुधाकर स्वदेश प्रेम ने किया और संचालन सोन साहित्य संगम के संयोजक अधिवक्ता राकेश शरण मिश्र ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एवं आमंत्रित अतिथियों ने योगेश शेखर के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर एवं पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित सोनभद्र के जाने माने कवि साहित्यकार दिवाकर मेघ विजयगढ़ी कवि अशोक कुमार तिवारी, गीतकार डॉ0 रचना तिवारी,शहीद स्थल प्रबंधन ट्रस्ट करारी के निदेशक अधिवक्ता कवि प्रदुम्न त्रिपाठी, विंध्य संस्कृति शोध समिति के निदेशक दिलीप केशरवानी, कवि धर्मेश चौहान, कवियत्री कौशल्या चौहान, कवि दयानंद दयालु,ने योगेश शेखर को याद करते हुए उनकी स्मृतियों को साझा करते हुए एक से बढ़कर एक काव्य पाठ किया और सभी ने एक स्वर में कहा कि योगेश जी का संपूर्ण जीवन समाज को शोषित पीड़ित वर्ग के लिए समर्पित, अनुकरणीय एवं वंदनीय है।
वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुधाकर स्वदेश प्रेम ने कहा कि योगेश जी के बारे में जितना कहा जाए कम है क्योंकि योगेश जी का जीवन देश और समाज के लिए पूर्ण रूप से समर्पित था।
डॉ0 रचना तिवारी ने कहा कि योगेश जी पूरे जीवन काल में समाज के लिए संघर्ष करते रहे और फक्कड़ मिजाजी से जीवन जीने का काम किए। इसके अतिरिक्त योगेश शेखर के पुत्र ब्योमकेश शुक्ला, वरुण शुक्ला, पुत्री क्रांति शुक्ला,ऋचा शुक्ला, डी0डी0 पांडेय, सुरेश शुक्ला,मनीष पांडेय,शैलेश चौबे, दिनेश सिंह, कार्तिकेय शुक्ला सहित दर्जनों अतिथियों ने अपना अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इस अवसर पर साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कवि अशोक कुमार तिवारी एवं कवियत्री डॉ0 रचना तिवारी को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।