Sonbhadra News : अपनो ने किया बेघर तो यात्री शेड के नीचे रात गुजारने को मजबूर हुई एक बुजुर्ग माँ
प्रशासन ने लोगों से भी अपील की थी कि यदि कोई खुले में रात गुजारने को मजबूर हो तो प्रशासन को जरूर बताएं ताकि उसकी व्यवस्था की जा सके। लेकिन बीती रात एक बुजुर्ग महिला भीषण ठण्ड में यात्री शेड के नीचे रह

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7:15 PM, December 27, 2025
एम शर्मा (संवाददाता)
० कुछ देर अलाव रहा सहारा, फिर पूरी रात ठिठुरती बीती
डाला (सोनभद्र) । प्रशासन का दावा है कि हर जगह रैन बसेरा व अलाव की व्यवस्था कर दी गयी है। प्रशासन ने लोगों से भी अपील की थी कि यदि कोई खुले में रात गुजारने को मजबूर हो तो प्रशासन को जरूर बताएं ताकि उसकी व्यवस्था की जा सके।
कड़ाके के ठंड में जहां लोग अपने अपने घरों में ठंड से बचने की लिए घर से नहीं निकलते हैं और रजाई गद्दे कंबल में ढके बिस्तर पर सोते हुए रात बड़े आराम से गुजारते हैं वहीं कड़ाके की ठंड में
बीती रात डाला बस स्टैंड स्थित यात्री शेड में के नीचे एक बुजुर्ग महिला रात गुजारने को मजबूर दिखी। भीषण ठण्ड में बुजुर्ग महिला कभी यात्री शेड के सामने जल रहे अलाव की ताप लेती तो कभी शेड के नीचे आकर आराम करती। बुजुर्ग महिला को यह करता देख कुछ लोगों ने यहाँ रुकने का कारण पूछा तो बुजुर्ग की आँख छलक गयी।
बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह बेलगड़ी क्षेत्र की रहने वाली है और विधवा है। उसने बताया कि बेटे-बहु उसके साथ अच्छा बर्ताव नहीं करते है और घर पर नहीं रखना चाहते । इसलिए वह बेटे-बहु से दु:खी होकर यहां रुकने पर मजबूर हो गई । is दौरान बुजुर्ग महिला की आँखों से लगातार आंसू टपक रहे थे। जिसने भी बुजुर्ग की दास्तां सुना उसकी आँखें भर आई। जहाँ एक तरफ इस भीषण शीतलहरी में लोग कम्बलों में भी नहीं रह पा रहे, वहीं एक बुजुर्ग माँ को उसके ही बेटों ने घर से बेघर कर रात ठण्ड में गुजारने को मजबूर कर दिया।
ऐसा नहीं कि इस तरह का यह कोई पहला मामला है लेकिन इस तरह के कृत्य करने वालों के खिलाफ जब तक समाज जागरूक नहीं होगा तब तक यह सिलसिला थमने वाला नहीं। ऐसे लोगों का पहले तो सामाजिक बहिस्कार होना चाहिए साथ ही लड़के जहाँ नौकरी कर रहा है, उस कम्पनी द्वारा भी इस तरह के कृत्य के लिए चेतावनी व फटकार लगाना चाहिए, तभी शायद समाज में कुछ हद तक सुधार लौट सके।



