Sonbhadra News : वॉट्सएप पर आया शादी का कार्ड भेज की थी लाखों की साइबर ठगी, दो गिरफ्तार
शादियों के मौसम में नया साइबर खतरा सामने आया है। ठगों ने अब शादी के डिजिटल इनविटेशन कार्ड को ठगी का टूल बनाया है। वॉट्सएप पर भेजे गए शादी के कार्ड वाले लिंक पर क्लिक होते ही मोबाइल हैक हो रहा है और...

पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार वर्मा....
sonbhadra
7:30 PM, December 25, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । शादियों के मौसम में नया साइबर खतरा सामने आया है। ठगों ने अब शादी के डिजिटल इनविटेशन कार्ड को ठगी का टूल बनाया है। वॉट्सएप पर भेजे गए शादी के कार्ड वाले लिंक पर क्लिक होते ही मोबाइल हैक हो रहा है और कुछ ही मिनटों में खातों से हजारों रुपये कट रहे हैं।
घोरावल थाना क्षेत्र ओदार गाँव निवासी अभिषेक कुमार सिंह पुत्र मोहर सिंह ऐसे ही साइबर ठगी के शिकार बने हैं। उनके वॉट्सएप पर शादी का इनविटेशन आया और क्लिक करते ही मोबाइल फ्रीज हो गया, कुछ ही मिनटों में 90 हजार रुपये खाते से कट गए। पीड़ित ने तत्काल साइबर क्राइम पुलिस थाना में सुचना दिया, जिस पर पुलिस ने धारा 318(4) बीएनएस व 66-D आईटी एक्ट के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत कर जाँच में जुट गई।
अंतरप्रांतीय साइबर फ्राड गैंग में डॉक विभाग का संविदाकर्मी और CSC संचालक भी शामिल -
आज पुलिस लाइन सभागार में एसपी अभिषेक कुमार वर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि "नोडल अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अनिल कुमार एवं क्षेत्राधिकारी साइबर रणधीर मिश्रा के पर्यवेक्षण में की गई विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि फ्राड की गई धनराशि महेन्द्र सिंह के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के वैलेट में ट्रांसफर की गई थी। जांच में पाया गया कि सीएससी संचालक के अनुपस्थित रहने पर अभियुक्त अरुण कुमार एवं सतीश कुमार द्वारा यूजर आईडी व पासवर्ड का दुरुपयोग करते हुए अपने साथी कोलकाता निवासी शुभम जायरो के माध्यम से साइबर फ्राड की धनराशि मंगाई गई। जांच में यह भी सामने आया कि उक्त वैलेट में कुल ₹11,40,000/- की साइबर फ्राड की गई धनराशि मंगाई गई थी, जिसमें से अभियुक्तों की निशानदेही पर ₹8,40,000/- की धनराशि बरामद की गई है। आईडी ब्लॉक किए जाने की सूचना के बावजूद धन निकासी होने के कारण जिला समन्वयक की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। विवेचना उपरांत अभियोग में धारा 317(2), 317(5) बीएनएस की बढ़ोत्तरी की गई। उक्त प्रकरण में अभियुक्तों अरुण कुमार एवं सतीश कुमार को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त सतीश कुमार साइबर हैकर गिरोह से जुड़ा हुआ पाया गया, जिसके माध्यम से सीएससी में साइबर फ्राड का पैसा मंगाया जाता था। गिरफ्तार अभियुक्तों में अरुण कुमार डाक विभाग में संविदा पर कार्यरत हैं, जबकि सतीश कुमार CSC संचालक है, जो साइबर हैकर गिरोह से संपर्क में रहकर फ्रॉड की धनराशि मंगवाने का कार्य करता था ।
एसपी ने एपीके फ़ाइल डाउनलोड न करने की दी सलाह -
एसपी अभिषेक कुमार वर्मा ने आमजन को जागरूक करते हुए कहा कि "ठग यह इनविटेशन सामान्य लिंक की तरह नहीं भेजते, बल्कि एपीके फाइल के रूप में भेजते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इनविटेशन कार्ड को डाउनलोड करता है, उसके मोबाइल में वायरस एक्टिव हो जाता है, इसके बाद फोन पूरी तरह ठगों के कंट्रोल में आ जाता है। बैंक अकाउंट, यूपीआई ऐप, पासवर्ड और मोबाइल डेटा तक उनकी पहुंच बन जाती है। हैकिंग के बाद पीड़ित के मोबाइल से उन्हीं के संपर्कों पर वही शादी का कार्ड लिंक भेजा जाता है, जिससे ठगी का दायरा और भी बड़ा हो जाता है। इसलिए किसी भी अनजान नंबर से आए लिंक, फाइल या शादी के निमंत्रण को खोलने पर नुकसान हो सकता है। उन्होंने सलाह दी है कि एपीके फाइल डाउनलोड न करें, ओटीपी शेयर न करें और संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।"
गिरफ्तारी/बरामदगी करने वाली पुलिस टीम -
1. निरीक्षक धीरेन्द्र कुमार चौधरी साइबर क्राइम पुलिस थाना
2. उ0नि0 बृजेश दूबे एस0ओ0जी0 (स्वाट टीम)
3. हे0का0 योगेश कुमार, का0 अखिलेश यादव, का0 हृदेश यादव साइबर क्राइम थाना, का0 रितेश पटेल, एस0ओ0जी0 (स्वाट टीम)



