Sonbhadra News : चकबंदी के दौरान रेलवे के पक्के निर्माण पर रोक लगाने क़ो लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
रॉबर्ट्सगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत मारकुण्डी निवासी किसानों ने आज ग्राम प्रधान उधम सिंह यादव के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुँच चकबंदी के दौरान रेलवे के पक्के निर्माण पर रोक लगाने क़ो लेकर......

रेलवे के विरुद्ध कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते मारकुण्डी के ग्रामीण.....
sonbhadra
1:10 PM, June 3, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । रॉबर्ट्सगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत मारकुण्डी निवासी किसानों ने आज ग्राम प्रधान उधम सिंह यादव के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुँच चकबंदी के दौरान रेलवे के पक्के निर्माण पर रोक लगाने क़ो लेकर प्रदर्शन किया और डीएम क़ो ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि "वर्तमान समय ग्राम पंचायत मारकुण्डी में चकबन्दी प्रक्रिया चल रही है, जिसके तहत सर्वे व तरमीम का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान चकबन्दी सर्वे रेल विभाग के अधिकारियों द्वारा आजादी के महज सात साल बाद वर्ष 1954 का हस्तलेखीय नक्शा लेकर चकबन्दी प्राधिकारियों के साथ रेलवे की जमीनों की शिनाख्त करायी जा रही है, जो राजस्व विभाग के वर्तमान अभिलेखों के बिल्कुल भिन्न है। स्थिति यह है कि उनकी पुश्तैनी जमीनों, जिसमें उनकी कई पीढ़ियों से खेती-बारी होती चली आ रही हैं, उन्हें भी रेलवे विभाग द्वारा अपनी जमीन के रूप में शिनाख्त किया जा रहा है। इसका विरोध करने पर रेलवे विभाग के अधिकारी मय फोर्स किसानों को धमकी आदि दी जा रही है और जबरिया किसानों की जमीन को बलपूर्वक अपना बताते हुए घेरा जा रहा है। इतना ही नहीं रेलवे विभाग के सम्बन्धित अधिकारीगण जल्दबाजी में सम्बन्धित जमीन में पक्का निर्माण करने हेतु दिन-रात जेसीबी से कहीं गड्ढा खोदा जा रहा है, तो कहीं पक्की बाउण्ड्रीवाल बनाने के लिए निर्माण सामग्री गिरायी जा रही है। इसके अलावा ग्राम पंचायत के विभिन्न पुश्तैनी रास्ते को भी घेरकर बन्द किया जा रहा है। वहीं चकबन्दी के दौरान बिना बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी की अनुमति से कोई पक्का/स्थाई निर्माण नहीं कराया जा सकता है। इसके विपरीत रेलवे विभाग के सम्बन्धित अधिकारीगण मनमानेपूर्ण तरीके से नियमों व कानूनों को ताक पर रखकर पक्का निर्माण कराने हेतु गड्ढा आदि खोदा जा रहा है, जिससे कालान्तर में किसानों को वाद बाहुलता का सामना पड़ सकता है और किसानों की क्षति सम्भावित है। इसके अलावा मौजा मारकुण्डी व अवई में ऐसे तमाम नम्बरान हैं, जो मिनजुमला है, ऐसे नम्बरों में किसानों व रेलवे की संयुक्त रूप से भूमि है, ऐसी जमीनों को भी रेलवे विभाग कब्जा कर घेरने की फिराक में पड़ा है. जबकि नियमानुसार जब तक चकबन्दी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती है और मिनजुमला गाटों का विधिक विभाजन नहीं हो जाता, रेलवे विभाग को किसी भी भूखण्ड को घेरा जाना कत्तई न्यायोचित नहीं है। रेलवे विभाग की इन कारस्तानियों में चकबन्दी प्राधिकारियों द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है और रेलवे द्वारा किये जा रहे निर्माण पर भी कोई आपत्ति नहीं की जा रही है, जिससे किसानों की घोर क्षति सम्भावित है। किसानों द्वारा प्रकरण की सूचना रेलवे विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभागों को पूर्व में दी गयी, परन्तु किसानों द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके विपरीत रेलवे विभाग अपने नाजायज मंसूबों को पूर्ण करने का प्रयास तेज कर दिया है और दिन-रात जेसीबी का प्रयोग कर निर्माण कार्य करने की फिराक में पड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में दौरान चकबन्दी रेलवे विभाग को बिना अनुमति किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने पर तत्काल रोक लगाया जाए।"
इस दौरान हरिगोविन्द, बृजेश, सुखराज, दीपक, हेमनाथ, संजय व महेंद्र सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।