Sonbhadra News : बेसमेंट में चल रहा इलाज, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़
देश के अति पिछड़े जिले में शामिल जनपद सोनभद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। लेटेस्ट हेल्थ फैसिलिटीज के दावे करने वाले आदिवासी आंचल क्षेत्र दुद्धी के नर्सिग होम बुनियादी व्यवस्था देने तक....

बेसमेंट में संचालित अस्पताल....
sonbhadra
11:26 PM, May 13, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । देश के अति पिछड़े जिले में शामिल जनपद सोनभद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे ही है। लेटेस्ट हेल्थ फैसिलिटीज के दावे करने वाले आदिवासी आंचल क्षेत्र दुद्धी के नर्सिग होम बुनियादी व्यवस्था देने तक के काबिल नहीं हैं। चिकित्सा व्यवस्था के मानकों का माखौल बनाते ये अस्पताल इलाज के नाम पर मरीजों की जान से खिलवाड़ करने तक से बाज नहीं आ रहे। हालत ये कि दुद्धी और आस-पास संचालित ज्यादातर नर्सिग या तो बगैर MBBS डॉक्टर के संचालित हो रहे हैं या तो होम बेसमेंट में चल रहे हैं। यहीं नहीं कई ऐसे हॉस्पिटल भी हैं जिन्हें स्वास्थ्य विभाग ने कागजों पर तो सीज कर दिया है लेकिन मौके पर वह सीज अस्पताल का बगैर बोर्ड के धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है। हालांकि शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ऐसे हॉस्पिटलों पर कार्यवाही तो करता है लेकिन बाद में दबाव के चलते कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
बेखौफ़ बेसमेंट में संचालित हो रहा अस्पताल -
दुद्धी तहसील क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक नर्सिंग होम संचालित होते हैं इनमें एक नर्सिंग होम बेसमेंट में संचालित हो रहा है। हद तो ये कि चिकित्सा व्यवस्था मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए बेसमेंट में ही मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाता है, जबकि नियम है कि बेसमेंट में किसी प्रकार का अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है क्योंकि इससे मरीजों को संक्रमण से लेकर अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर नर्सिग होम संचालक बेसमेंट में धड़ल्ले से अस्पताल चला रहे हैं।
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर कोई बड़ी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। सूत्रों की मानें तो इन संचालकों को कार्यवाही का डर भी नहीं है क्योंकि उनका सीधे बड़े रसूखदार लोगों से सेटिंग है जिसके चलते वह बेखौफ होकर अपना धंधा जमाए हुए हैं।
कई जगह तो MBBS डॉक्टर का ही पता नहीं -
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र दुद्धी के कई नर्सिग होम में तो इलाज में घोर लापरवाही बरती जा रही है। यहाँ कई ऐसे नर्सिग होम हैं जहां बिना डॉक्टर के ही अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में भी यह मामला सामने आ चुका है. अस्पताल तो खोल लिया गया है लेकिन डॉक्टर की मौजूदगी नहीं है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि बिना डॉक्टर के कैसे लोगों का इलाज हो रहा है। यह धंधा कई साल से चल रहा है लेकिन जिम्मेदार हैं कि ऐसे अस्पतालों पर कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं।
होगी कड़ी कार्यवाही -
नोडल अधिकारी डॉ0 गुलाब शंकर सिंह ने बताया कि "लगातार चक्रमण कर जाँच किया जाता है और नियम विरुद्ध हॉस्पिटल संचालन पाए जाने पर कार्यवाही भी की जाती है। मई माह में अब तक चार अस्पतालों कार्यवाही की गई है जिसमें तीन सीज किए गए हैं जबकि एक पर फिर दर्ज कराई गई है। बेसमेंट में हॉस्पिटल संचालन की अनुमति नहीं है यदि ऐसा है तो जाँच कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी और पंजीकरण भी कैंसल किया जायेगा।"