Sonbhadra News : आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी व्रती महिलाएं
लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन रविवार को खरना किया गया। व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने नहाय-खाय के बाद खरना का प्रसाद ग्रहण किया। शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर भोग लगाया। इस प्रसाद को.....

छठ की खरीदारी करती व्रती महिलाएं.....
sonbhadra
11:54 AM, October 27, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन रविवार को खरना किया गया। व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने नहाय-खाय के बाद खरना का प्रसाद ग्रहण किया। शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर भोग लगाया। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद निर्जल व्रत शुरू हो गया। व्रत रखने वाली महिलाएं आज शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी और मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर संतान और परिवार के लिए मंगलकामना करेंगी। रविवार को पूरे रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र में पूजन सामग्री खरीदने के लिए लोगों की भीड़ रही।
ढोल-नगाड़ो के साथ घाट पर जाएंगी व्रती महिलाएं -
सोमवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए महिलाओं ने सूप, डलिया, मिट्टी की हांडी, सुपारी, पान के पत्ते, कांच की चूडि़यां, नींबू, नारियल व गन्ना समेत अन्य सामग्री भी खरीदी। दिनभर महिलाओं ने उपवास रखा और शाम को चावल, गुड़ व दूध से बनी खीर, रोटी व अन्य सामग्री से पूजा कर प्रसाद खाकर निर्जला व्रत शुरू किया। छठ पूजा के दूसरे दिन खरना का विशेष महत्व होता है। इस दिन छठी मैया का आगमन होता है। जिसके बाद भक्त 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू करते हैं। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत शनिवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी। रविवार को खरना का आयोजन किया गया। जिसमें व्रती महिलाओं ने गुड़ से खीर बनाकर पूजा-अर्चना की और प्रसाद ग्रहण किया, इसके बाद महिलाओं ने 36 घंटे के निर्जल व्रत का संकल्प लिया। पर्व को लेकर जिले के सभी प्रमुख घाटों पर तैयारियां की गई हैं। शाहगंज रजवाहा, रामसरोवर तालाब, अकड़हवा पोखरे समेत नगर के प्रमुख पोखरों पर श्रद्धालुओं ने वेदियों का निर्माण किया है। घाटों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई कराई गई है, लाइटों से घाट जगमग हैं। छठ पूजा के लिए सामाजिक व धार्मिक संस्थाएं भी सक्रिय हैं। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में पूजा सामग्री लेकर सोमवार को ढोल नगाड़ों के साथ छठ मैया के गीत गाते हुए घाट पर पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। मंगलवार भोर महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना कर व्रत का समापन करेंगी। पूजन से पहले लोगों ने फल, सूप व पूजन सामग्री की खरीद की।



