Sonbhadra News : सीएमओ कार्यालय पर प्रदर्शन कर मृतक बिंदू के परिजनों ने माँगा न्याय, बोले- घटना के 20 दिन बाद भी इंसाफ के लिए दर-दर भटकने को हैं मजबूर
बिंदु मौत मामले में आज 20 दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा हॉस्पिटल के विरुद्ध कोई कार्यावही नहीं होने नाराज परिजनों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और कड़ी कार्यवाही....

सीएमओ कार्यलय पर प्रदर्शन करते मृतका बिंदु के परिजन.....
sonbhadra
2:06 PM, August 6, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । बिंदु मौत मामले में आज 20 दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा हॉस्पिटल के विरुद्ध कोई कार्यावही नहीं होने नाराज परिजनों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और कड़ी कार्यवाही की मांग की साथ ही यह भी चेताया कि यदि दो दिनों में उक्त निजी अस्पताल के विरुद्ध कड़ी कार्यावही नहीं होती है तो वह धरने पर बैठने को बाध्य होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी स्वास्थ्य महकमें की होगी। वहीं सीएमओ का कहना है कि जाँच टीम की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा चुकी है आगे जो भी निर्देश होगा इलूसके अनुसार कार्यावही की जाएगी।
मृतका के पति मडिहान निवासी शिवपुजन गोंड ने बताया कि "उसकी पत्नी बिन्दू के पेट में दर्द की शिकायत थी, जिसका इलाज पंचशील हॉस्पिटल में चल रहा था। जाँच के पश्चात डॉक्टर ने बताया कि बिन्दू देवी के बच्चेदानी के बगल में 8 एमएम का ट्यूमर बना हुआ है, जिसका आसानी से ऑपरेशन हो जाता है और ऑपरेशन करने में मरीज को कोई दिक्कत भी नहीं होती है और मात्र तीन दिन तक अस्पताल में रहना पड़ता है। यह ऑपरेशन कुछ समय बाद भी किया जा सकता है, इससे मरीज के शरीर में कोई खतरा उत्पन्न नहीं होता है, केवल पेट के निचले हिस्से में कभी-कभी दर्द की शिकायत होती है। इस हॉस्पिटल में बाहर से योग्य डाक्टर आतें हैं, जिनसे वह ऑपरेशन करवाएंगी। डाक्टर की सलाह मान कर अपनी पत्नी का ऑपरेशन कराने के लिए डाक्टर से बातचीत किया, तो डॉ0 अनुपमा मौर्या ने मेरी पत्नी का मेडिकल जाँच यूएचडी डायग्नोस्टिक सेण्टर रावर्ट्सगंज व प्रकाश एण्ड पवन डायग्नोस्टिक सेण्टर रावर्ट्सगंज से करा कर 15 जुलाई को ऑपरेशन करने के लिए तिथि निर्धारित किया। 15 जुलाई को डॉ0 अनुपमा मौर्या के बताए अनुसार, मेरी पत्नी बिन्दू अपने माता-पिता के साथ पंचशील अस्पताल गई, जहाँ सुबह लगभग 10:30 बजे से बिंदु अस्पताल में सामान्य तौर पर बैठ कर इन्तजार करती रही, जिसके पश्चात 1 बजे दिन से बिंदु के ऑपरेशन की औपचारिक तैयारी का इलाज आरम्भ हुआ और शाम 4.30 बजे मेरी पत्नी ऑपरेशन थियेटर में गई और ऑपरेशन थियेटर से जीवित वापस नहीं आई। पंचशील हॉस्पिटल में डॉ0 अनुपमा मौर्या ने मेरी पत्नी का ऑपरेशन बाहर से किसी डाक्टर को बुलाकर नहीं बल्कि स्वयं उसे बेहोश करके डॉ0 सौरभ सिंह (बाल रोग विशेषज्ञ) तथा अन्य स्टाफ के साथ मिलकर कर दिया। डॉ0 अनुपमा मौर्या ट्यूमर का ऑपरेशन करने के लिए योग्य एवं अर्हता प्राप्त सक्षम चिकित्सक नहीं हैं और ना ही उनके साथ ऑपरेशन थियेटर में उन्हें असिस्ट कर रहे डॉ0 सौरभ सिंह ही ट्यूमर का ऑपरेशन करने के लिए योग्य एवं अर्हता प्राप्त सक्षम चिकित्सक हैं। ऑपरेशन के दौरान उपरोक्त डाक्टर की अज्ञानता के कारण मरीज के शरीर में गम्भीर खतरा उत्पन्न हो गया, जिसका बचाव करने के लिए पंचशील हॉस्पिटल में ना तो कोई अर्हता प्राप्त चिकित्सक उपलब्ध था और ना ही ऐसे संसाधन ही उपलब्ध थे, जिससे मरीज बिन्दू की इमरजेन्सी में जान बचाई जा सके। डॉ0 अनुपमा मौर्या व डॉ0 सौरभ सिंह ने मरीज बिन्दू के शरीर में गम्भीर खतरा उत्पन्न हो जाने के पश्चात भी उसे सक्षम चिकित्सा संस्थान में भेज कर या रेफर कर उसके जान को बचाने के लिए कत्तई कोई सार्थक पहल नहीं किया, बल्कि शाम 4:30 बजे से रात्रि 10:30 बजे तक मरीज बिन्दू को ऑपरेशन थियेटर में रख कर उसे जानबूझकर मरने के लिए छोड़ दिया गया था, जबकि उक्त अवधि में गम्भीर खतरे से बचने के लिए अन्य चिकित्सा संस्थानों में मरीज बिन्दू को ले जाया जा सकता था, जिससे उसकी जान बचाई जा सकती थी, फिर भी उक्त चिकित्सकों ने ऐसा करना मुनासिब नहीं समझा, बल्कि अपने नाजायज लाभ के लिए मरीज बिन्दू की गैर इरादतन हत्या कर दिया। डॉ0 अनुपमा मौर्या लगातार मरीजों के साथ इस तरह का कृत्य करती चली आ रही हैं, जिससे कई मरीजों की जान भी जा चुकी है, जिसके अभियोग भी पंजीकृत हुए हैं।"
वहीं मृतका के भाई अनिल ने बताया कि "उनकी बहन की मौत हुए लगभग 20 दिन बीत चुके हैं और वह लोग न्याय की आस में दर-दर भटक rhe हैं लेकिन कहीं भी न्याय नहीं मिल रहा। आज हम लोगों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन कर सीएमओ को ज्ञापन सौंप पंचशील हॉस्पिटल को तत्काल सीज करने की मांग किया गया है जिससे वहाँ अन्य मरीजों की जान न जा सके। वहीं 48 घंटे में कार्यावही नहीं होने पर वह सभी परिजन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में धरना देने को बाध्य होंगे।"
वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अश्वनी कुमार ने बताया कि "मामले की जाँच की जा चुकी है और रिपोर्ट डीएम को प्रेषित किया जा चुका है। जिलाधिकारी का जो भी निर्देश होगा उसके अनुसार अग्रिम कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।"