Sonbhadra News : नसबंदी की संख्या व पुरुष डॉक्टरों से महिला नसबंदी कराए जाने का मामला गरमाया, सपा ने दी आंदोलन की चेतावनी
चोपन सामुदायिक स्वास्थ्यलाभार्थि 2 फरवरी को आयोजित नसबन्दी शिविर खासा चर्चा में है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित नसबंदी शिविर सुबह से ही चर्चा में रहा।

फाइल फोटो
sonbhadra
7:57 PM, December 29, 2025
शान्तनु कुमार/आनंद चौबे/घनश्याम पांडेय
० नसबन्दी के बाद महिला फिर से हुयी गर्भवती
० एक डॉक्टर एक दिन में कितने नसबन्दी कर सकता है, सवाल पर सीएमओ नहीं दे सटीक जबाब
सोनभद्र। चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 22 दिसंबर , 2025 को आयोजित नसबन्दी शिविर खासा चर्चा में है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित नसबंदी शिविर सुबह से ही चर्चा में रहा, जब शिविर में क्षमता से कहीं ज्यादा महिलाएं नसबंदी के लिए पहुँच गयी। इतनी बड़ी संख्या देखकर स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूलने लगे। शुरू में मात्र सौ लाभार्थियों के रिजिस्ट्रेशन की बात सामने आई तो दूर दराज से आये लोग विरोध करने लगे और अपने क्षेत्र की आशा पर दबाव बनाने लगे। 30 बेड की क्षमता वाले अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या पहुँचते ही अस्पताल के व्यवस्था की पोल खुल जर रह गयी। महिलाओं के बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी। भीषण ठण्ड में महिलाएं जमीन पर बैठने को मजबूर थे। कई महिलाएं बच्चों के साथ आई थी, उनकी और भी दुर्गति हुई। शौचालय का भी ऐसा नजारा कि देखकर कोई जाना नहीं चाहेगा।
जनपद न्यूज live की टीम इस खबर पर लगातार नजर बनाये रखी। देर रात लगभग 12.30 बजे तक नसबन्दी का आपरेशन किया गया। जानकारी के मुताबिक लगभग 150 महिलाओं का नसबन्दी किया गया जबकि 100 से अधिक लाभार्थियों को वापस कर दिया गया था ।
एक डॉक्टर द्वारा 150 नसबंदी किये जाने के मामले पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल यह है कि क्या एक डॉक्टर द्वारा इतनी संख्या में नसबन्दी किया जाना जायज है? क्योंकि सिंदूरिया निवासी एक महिला का आरोप है कि फरवरी 2024 में उसने भी नसबन्दी कराया था लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण नसबन्दी सफल नहीं रहा, जिसका नतीजा यह रहा कि वह फिर से गर्भवती हो गयी है। पीड़ित महिला ने माना कि डॉक्टरों की लापरवाही व अधिक से अधिक संख्या में नसबंदी किये जाने के कारण एक नसबन्दी में बहुत कम समय दिया जाता है।
हालांकि जिले के सीएमओ का मानना है कि नसबन्दी का कोई लिमिट नहीं है, एक डॉक्टर कितना भी आपरेशन कर सकता है। चोपन के मामले पर सीएमओ का कहना है कि एक डॉक्टर द्वारा जिस तरह से लगातार रात 12.30 बजे तक आपरेशन किया गया वह तारीफ के काबिल है।
इतनी बड़ी संख्या में एक डॉक्टर द्वारा नसबन्दी करना और फिर पुरुष डॉक्टर द्वारा महिलाओ की नसबन्दी किये जाने के मामले में सपा महिला सभा की जिलाध्यक्ष एडवोकेट गीता गौर ने बड़ा सवाल खड़े करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग महिलाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। साथ सरकार के नियमों की खुली धज्जियां उड़ा रही है। एडवोकेट गीता गौर ने कहा कि जब सरकार ने आदेश जारी कर रखा है कि कोई भी पुरुष महिलाओ का काम नहीं कर सकता। चाहे टेलरिंग का काम हो या फिर पार्लर या अन्य काम, यह अपराध की श्रेणी में आयेगा। लेकिन सोनभद्र में महिला डॉक्टर होने के वावजूद पुरुष डॉक्टरों से ऑपरेशन किया जा रहा है ।
बहरहाल सरकार नसबन्दी के माध्यम से जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है। लेकिन जिस तरह से सिस्टम के साथ खिलवाड़ व सरकार के नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है यह बेहद गंभीर व चिंताजनक है। ऐसे में उम्मीद है कि यह मामला आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है।



