Sonbhadra News : प्लाज़्मा चढ़ाते ही बिगड़ी महिला की हालत, वाराणसी ले जाते समय रास्ते में तोड़ा दम
निजी हॉस्पिटलों पर इलाज में हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला नगर के एक प्रतिष्ठित हॉस्पिटल का बताया जा रह है, जहाँ बुखार से पीड़ित महिला को प्लाजा चढ़ाने के बाद उसकी.....

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7:23 AM, September 14, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
• परिजनों ने की साईं हॉस्पिटल के विरुद्ध कार्यवाही की मांग
सोनभद्र । निजी हॉस्पिटलों पर इलाज में हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताज़ा मामला नगर के एक प्रतिष्ठित हॉस्पिटल का बताया जा रह है, जहाँ बुखार से पीड़ित महिला को प्लाज़्मा चढ़ाने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई और वाराणसी ले जाते समय उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, गृह सचिव के साथ ही जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर महिला की मौत के लिए जिम्मेदार उक्त निजी हॉस्पिटल के चिकित्सक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की मांग किया है।
सीएम व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेज की कार्यवाही की मांग -
मृतका के. ससुर अनिल देव पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को प्रेषित शिकायत पत्र में बताया है कि "उनकी बहू अंकिता पांडेय को बुखार था। बीते 5 सितम्बर की रात दवा-इलाज के लिए उसे सांई अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक डॉ0 संजय सिंह ने मरीज को देखने के बाद मौसमी बुखार होने की बात कही। शिकायत कर्ता के अनुसार डॉ0 संजय सिंह ने मरीज को इंजेक्शन लगाने के बाद अस्पताल में भर्ती कर लिया। दूसरे दिन अंकिता पांडेय के खून की जांच करायी गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉ0 संजय सिंह ने खून की कमी बताते हुए 5 यूनिट ब्लड के साथ ही प्लेटलेट कम होने की बात कही। चिकित्सक ने कहा कि ब्लड से प्लाज़्मा बनाकर मरीज को चढ़ाना होगा।"
प्लाज़्मा चढ़ाते ही बिगड़ी महिला की हालत -
चिकित्सक की सलाह पर परिजनों ने 5 यूनिट ब्लड की व्यवस्था किया। बाद चिकित्सक ने बाहर से पाऊच प्लाज़्मा मंगाकर मरीज को चढ़ाया। आरोप है कि प्लाज़्मा चढ़ाते ही मरीज का शरीर नीला पड़ गया। शरीर में चकत्थे व दाने-दाने दिखाई देने लगे। पूछने पर डाक्टर ने कहा कि प्लाजमा का असर है। ब्लड चढ़ाने के बाद सही हो जायेगा। महिला की हालत बिगड़ता देख परिजनों ने उसे रेफर करने के लिए चिकित्सक से कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आरोपों पर गौर करें तो ब्लड चढ़ाने के करीब 15 मिनट बाद ही मरीज की हालत बेहद खराब हो गयी और वह बेहोश हो गयी। अंत में मरीज के परिजनों से अस्पताल के कर्मियों ने 40 हजार रूपए जमा कराने के बाद रेफर कर दिया। परिवार के लोग उसे वाराणसी ले जा रहे थे कि रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
मरीज के इलाज में बरती गई लापरवाही -
परिजनों का आरोप है कि सांई हास्पिटल में मरीज के दवा-इलाज में बरती गई लापरवाही की वजह से ही उसकी मौत हुई है। यदि अस्पताल के चिकित्सक ने बीमार महिला को समय से ही रेफर कर दिए होता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।