Sonbhadra News : चोपन सीएचसी में आधी रात तक चला नसबंदी, भीषण ठण्ड में दुर्व्यवस्थाओं के बीच हुआ महिलाओं का नसबंदी
भीषण शीतलहरी के वावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं नसबन्दी कराये जाने के लिए सीएचसी पहुंची। लेकिन वहां व्याप्त दुर्व्यवस्था के कारण दूर दराज से नसबन्दी के लिए आई महिलाएं और उनके परिजन परेशान नजर आए।

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12:37 AM, December 23, 2025
शान्तनु कुमार/घनश्याम पांडेय
चोपन (सोनभद्र) । ठण्ड बढ़ते ही आशाओं पर नसबंदी कराये जाने का दबाव भी बढ़ने लगा है। सोमवार को चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नसबंदी का कैंप आयोजित किया गया। भीषण शीतलहरी के वावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं नसबन्दी कराये जाने के लिए सीएचसी पहुंची। लेकिन वहां व्याप्त दुर्व्यवस्था के कारण दूर दराज से नसबन्दी के लिए आई महिलाएं और उनके परिजन परेशान नजर आए।
यह तस्वीर चोपन सीएचसी की है, जहां बड़ी संख्या में नसबन्दी के लिए पहुंची महिलाओं को बैठने तक की मुकम्मल व्यवस्था नहीं थी। लोग इधर - उधर भटकते नजर आए। आलम यह था कि नसबन्दी को लेकर सीएचसी पहुंची आशा कार्यकर्तियां व्यवस्था को लेकर नाखुश दिखी। आशा कार्यकर्तियों का कहना था कि महिलाएं उनसे ही शिकायत कर रही हैं।
कई परिजनों ने बताया कि वे सुबह 8 बजे के आए हैं। और यहां न बैठने की व्यवस्था है और न अन्य कोई सुविधा। उपर से बताया जा रहा है कि सिर्फ 100 लोगों का ही रजिस्ट्रेशन किया जायेगा। जबकि यहाँ लगभग तीन सौ से अधिक महिलाओं को लेकर आशा पहुंची है।
जिले के चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में नसबंदी शिविर के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बदहाली सामने आई है। नसबंदी ऑपरेशन के लिए आई लगभग 200 महिलाओं को ठंड में बेड और अन्य आवश्यक सुविधाएं नहीं मिलीं, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह शिविर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लक्ष्य पूरा करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था, जिसमें चोपन और कोन ब्लॉक से बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची थीं।
बताया जा रहा है कि ऑपरेशन से पहले महिलाओं को कड़ाके की ठंड में जमीन पर ही बैठना पड़ा। कई महिलाओं के साथ छोटे बच्चे भी थे, जो ठंड से परेशान दिखे। अस्पताल में शौचालय की स्थिति भी ऐसा था कि न दरवाजा था और न स्वच्छ। मरीजों और उनके तीमारदारों को शौच और बाथरूम के लिए अन्य स्थानों पर भटकना पड़ा।
इतना ही नहीं 30 बेड की क्षमता वाले इस सीएचसी में ऑपरेशन के बाद महिलाओं को आराम करने के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं हो सके। आपरेशन के बाद महिलाओं को तुरंत घर भेज दिया जा रहा था।
जनपद न्यूज Live की टीम जब रात 11 बजे सीएचसी चोपन में जाकर व्यवस्था का हाल जानना चाहा तो पता चला कि अभी भी महिलाओं का नसबन्दी चल रहा है । अस्पताल सूत्रों के मुताबिक लगभग 175 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया गया है और अभी लगभग 130 महिलाओं का नसबन्दी हो चुका है। इस भीषण ठण्ड में भी महिलाएं अपने बारी का इंतजार कर रही थी। अस्पताल परिसर में अलाव की व्यवस्था होने के कारण परिजनों को को राहत मिली। लेकिन कष्ट महिलाओं को उठाना पड़ा, जब उन्हें आपरेशन के बाद तुरन्त घर भेज दिया जा रहा था।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि भीषण ठंड को देखते हुए उतने ही महिलाओं को क्यों नहीं बुलाया गया जितने का रजिस्ट्रेशन होना था। आखिर दुगनी संख्या बुलाकर उन्हें क्यों वापस किया गया। और इस दुर्व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है।
फिलहाल प्रशासन को इस तरह की दुव्यवस्था को गंभीरता से लेना चाहिए और इस बात की जबाबदेही तय करनी चाहिए कि आखिर आधी रात क्यों हुआ।ताकि आगामी नसबन्दी कैंप में मरीजों को किसी प्रकार की दुर्व्यवस्था का सामना न करना पड़े।



