Sonbhadra News : क्रशर एसोसिएशन ने खनन हादसे में मृतकों के आश्रितों को दिया 5 लाख की सहायता राशि
संगठन ने पहले ही 14 और 15 नवंबर को स्पष्ट कर दिया था कि खदान और क्रशर का संचालन नहीं किया जाएगा, क्योंकि मुख्यमंत्री आदिवासियों का सम्मान बढ़ाने के लिए क्षेत्र में उपस्थित थे।

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3:54 PM, November 19, 2025
घनश्याम पांडेय (संवाददाता)
• केशर एसोसिएशन ने माना मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर खनन कार्य बन्द करने का आदेश था
• बन्दी के आदेश के वावजूद खनन किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण
• आगे संगठन ऐसे लोगों के खिलाफ सामूहिक बहिष्कार करेगा
ओबरा (सोनभद्र) । बिल्ली मारकुंडी खनन हादसे के बाद डाला बिल्ली क्रशर ऑनर्स एसोसिएशन ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि शासन की मंशा और खनन विभाग के नियमों के विपरीत किसी भी तरह का खनन क्षेत्र में कार्य संचालित नहीं किया जाएगा। हादसे के बाद संगठन ने मृतकों के आश्रितों को कुल 5 लाख रुपये की सहायता राशि भी प्रदान की। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था नियमों का उल्लंघन करते हुए पाई जाती है, तो उसके खिलाफ संगठन सख्त कार्रवाई करेगा। यदि संगठन की बात नहीं मानी जाती है, तो ऐसे मामलों की शिकायत प्रशासन तक पहुंचाई जाएगी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि 15 नवंबर 2025 की शाम से लेकर 18 नवंबर की दोपहर तक राहत बचाव कार्य में लगे सभी लोगों के लिए भोजन और नाश्ते का इंतजाम संगठन द्वारा लगातार किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि मृतकों के आश्रितों को संतुष्ट करने भर का मुआवजा उपलब्ध कराया गया है। राय ने आगे कहा कि संगठन की ओर से यह भी वादा किया गया है कि सरकारी मदद दिलवाने में जितना संभव होगा, संगठन पूरा सहयोग करेगा ताकि आश्रितों को अधिक से अधिक सरकारी सहायता मिल सके। कमेटी के सदस्यों ने स्वेच्छा से 10,000, 5,000, 2,000 और 21,000 रुपये का योगदान दिया, जिससे कुल 5 लाख रुपये की सहायता राशि मृत आश्रितों को दी गई।
संगठन ने पहले ही 14 और 15 नवंबर को स्पष्ट कर दिया था कि खदान और क्रशर का संचालन नहीं किया जाएगा, क्योंकि मुख्यमंत्री आदिवासियों का सम्मान बढ़ाने के लिए क्षेत्र में उपस्थित थे। इसके बावजूद, जिस स्थान पर घटना हुई, वहां खदान का संचालन जारी रहा, जिसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है।
एसोसिएशन ने कहा कि यदि यह बात सही पाई जाती है, तो पहले संबंधित मालिक से पूछताछ की जाएगी। संगठन ऐसे लोगों के खिलाफ सामूहिक बहिष्कार करेगा और प्रशासन से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करेगा।



