Sonbhadra News : साइकिल व ई-रिक्सा से ब्लॉक पहुँचे पंचायत सचिव
आज जिले के समस्त पंचायत सचिवों ने न्यून साइकिल भत्ते में वृद्धि की मांग को लेकर चल रहे क्रमिक सांकेतिक सत्याग्रह आंदोलन के तीसरे चरण के तहत सामूहिक रूप से साइकिल और ई-रिक्शा पर सवार होकर खंड विकास....

साइकिल चलाकर क्षेत्र भ्रमण करते पंचायत सचिव.....
sonbhadra
10:43 PM, December 10, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । आज जिले के समस्त पंचायत सचिवों ने न्यून साइकिल भत्ते में वृद्धि की मांग को लेकर चल रहे क्रमिक सांकेतिक सत्याग्रह आंदोलन के तीसरे चरण के तहत सामूहिक रूप से साइकिल और ई-रिक्शा पर सवार होकर खंड विकास अधिकारी कार्यालय और क्षेत्रों में पहुंचे। अधिकारियों ने घोषणा किया है कि वे अब क्षेत्र भ्रमण भी साइकिल या ई-रिक्शा से ही करेंगे। इन दिनों पंचायत सचिव केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। उनका तर्क है कि लगभग चार दशक पुराना और वर्तमान में अप्रासंगिक हो चुका साइकिल भत्ता अत्यंत कम है। सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने यंत्र चालित व्यक्तिगत संसाधनों का उपयोग छोड़कर साइकिल से क्षेत्रीय भ्रमण करने का निर्णय लिया है।
ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार दुबे सहित अन्य पंचायत सचिवों ने सत्याग्रह आंदोलन के तीसरे चरण के तहत आज साइकिल चलाकर खंड विकास कार्यालय पहुँचे तथा इसके पश्चात अपने क्षेत्रों का भ्रमण भी किया।
इस दौरान जिलाध्यक्ष मनोज कुमार दुबे ने कहा कि "एक ओर जहां देश बुलेट ट्रेन और मंगलयान जैसी परियोजनाओं में प्रगति कर रहा है, वहीं ग्रामीण विकास की धुरी माने जाने वाले ग्राम सचिवों को पुराने साइकिल भत्ते के कारण साइकिल से क्षेत्र भ्रमण के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वर्तमान में साइकिल की प्रासंगिकता समाप्त हो गई है और इसके लिए प्राप्त भत्ता राशि अपर्याप्त है। संगठन लंबे समय से पर्याप्त वाहन भत्ता उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है। अनुकूल परिणाम न मिलने के कारण अब से जिले के सभी सचिव सरकार द्वारा प्रदत्त भत्ते के अनुरूप साइकिल से ही क्षेत्र भ्रमण कर विभागीय कार्य निपटाएंगे।"
उन्होंने बताया कि सचिवों की अन्य समस्याओं में बिना संसाधन उपलब्ध कराए अव्यवहारिक ऑनलाइन उपस्थिति और अन्य विभागों के कार्य लिए जाना शामिल है। यह क्रमिक सांकेतिक सत्याग्रह आंदोलन का तीसरा चरण है। पहले चरण में काली पट्टी बांधकर विरोध किया गया था, जबकि दूसरे चरण में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजे गए थे। इसके अतिरिक्त, ग्राम सचिवों ने सरकार से सरकारी मोबाइल, सिम और डेटा भत्ते की भी मांग की है। उनका कहना है कि वर्तमान में वे अपने व्यक्तिगत मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है।



