Sonbhadra News : ऊर्जा से आगे नेतृत्व की नई दिशा - आरएलआई विन्ध्याचल में ‘प्रेरणा’ टॉक सीरीज का सफल आयोजन
आरएलआई एनटीपीसी विन्ध्याचल द्वारा 03 एवं 04 दिसंबर 2025 को प्रेरणा – लीडरशिप टॉक सीरीज़ के अंतर्गत दूसरी वार्ता का सफल आयोजन किया गया।

sonbhadra
9:52 PM, December 5, 2025
सोनभद्र। आरएलआई एनटीपीसी विन्ध्याचल द्वारा 03 एवं 04 दिसंबर 2025 को प्रेरणा – लीडरशिप टॉक सीरीज़ के अंतर्गत दूसरी वार्ता का सफल आयोजन किया गया। “मेगावॉट्स से माइंडसेट्स तक” विषय पर आधारित यह कार्यक्रम चार प्रभावशाली सत्रों में सम्पन्न हुआ, जिसमें विन्ध्याचल एवं सिंगरौली परियोजनाओं से कुल 128 कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संजीब कुमार साहा, परियोजना प्रमुख(विन्ध्याचल) के प्रेरणादायी संबोधन के साथ हुआ। उन्होंने ऊर्जा परिदृश्य में तेजी से हो रहे परिवर्तन और हरित व नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को सतत विकास के अनुरूप आगे बढ़ने का आह्वान किया। उद्घाटन सत्र की विशेष उपस्थिति में सिंगरौली से आए वरिष्ठ अतिथिगण जोसेफ बास्टियन, मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) और पियूष श्रीवास्तव, महाप्रबंधक (रसायन) एवं विन्ध्याचल के वरिष्ठ अधिकारी ए.जे. राजकुमार, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), एस.के. सिन्हा, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं एफएम), डॉ. बी.के. भराली, महाप्रबंधक(चिकित्सा) तथा देबब्रत त्रिपाठी, महाप्रबंधक(तकनीकी सेवाएँ) सम्मिलित रहे।
डॉ. देबसमिता त्रिपाठी, अपर महाप्रबंधक (आरएलआई) ने स्वागत संबोधन में वरिष्ठ नेतृत्व एवं दोनों स्टेशनों से आए प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रेरणा श्रंखला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वास्तविक प्रेरणा ही सार्थक क्रियान्वयन की ओर ले जाती है तथा यह मंच युवा और अनुभवी नेतृत्व दोनों को भविष्य की नेतृत्व क्षमता से सशक्त बनाने का संकल्प लिए हुए है।
सत्रों में ग्लोबल बिज़नेस एवं पीपल लीडरशिप स्ट्रेटेजिस्ट राजीव भदौरिया द्वारा मानव-केंद्रित नेतृत्व, सामर्थ्य, अनुकूलनशीलता एवं भारतीय प्राचीन ज्ञान पर आधारित मूल्यवान विचार साझा किए गए।
ऐसे आयोजनों के माध्यम से आरएलआई विन्ध्याचल, एनटीपीसी के विभिन्न परियोजनाओं को प्रेरणा, सहयोग और नेतृत्व विकास के एक सशक्त मंच पर जोड़ते हुए उत्कृष्टता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है । यह संदेश पूरे कार्यक्रम में सार रूप में उभरकर सामने आया।



