Sonbhadra news : हेल्लो स्कूल की संचालिका नाहिद हुईं डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित
न ही ऊंची रसूख की कठपुतली। प्रतिभा वह संजीवनी है जिसकी गूंज महलो से लेकर कुटिया तक और संसद के गलियारे से लेकर गाव के चौबारे तक होती है।

sonbhadra
8:04 PM, October 25, 2025
घनश्याम पांडेय (संवाददाता)
-प्रतिभा दिन रात अखण्ड, अटूट यज्ञ करती हैै और अपने अस्तित्व का मूल्य अदा करने की कृतज्ञता भी रखती है -डीन गलगोटिया यूनिवर्सिटी डॉ. राजीव मिश्रा
-शिक्षा क्षेत्र में सम्मान : प्रतिभा वह संजीवनी है जिसकी गूंज महलो से लेकर कुटिया तक और संसद के गलियारे से लेकर गाव के चौबारे तक होती है।
ओबरा, सोनभद्र । प्रतिभा न तो सम्पन्नता की विरासत है और न ही ऊंची रसूख की कठपुतली। प्रतिभा वह संजीवनी है जिसकी गूंज महलो से लेकर कुटिया तक और संसद के गलियारे से लेकर गाव के चौबारे तक होती है। प्रतिभा में शिद्दत, मंजिल पाने की जुनून और कुछ कर गुजरने की चाहत भी होती है।
उत्तर प्रदेश के सूदूर अंचल ओबरा के विकास की गाथा भले ही 1965 में लिखी जा चुकी हो पर आसपास ऐसे भी क्षेत्र और लोग है जो कि उर्जा के प्रकाश से दूर हैं साथ ही शिक्षा भी उनसे कोसो दूर है।
आधुनिक शिक्षा और अच्छे स्कूलो में बच्चे का दाखिला जहा उनके लिये सपना और प्रताडना बन कर रह गया वही फीस के अभाव में आये दिन बच्चो का नाम काटे जाने की विडम्बना से आहत ओबरा आई एक ब्याहता को यह विसंगतियां टीस देने लगी।
पढ़ी लिखी किन्तु सामान्य गृहणी नाहिद के अन्दर छिपी प्रतिभा और उनके अस्तित्व ने
विद्रोह का बिगुल फूंक दिया।
विसगतियो का खात्मा करने का संकल्प धारण कर, परिवार को अपने सपने और संकल्प से अवगत कराया, सकारात्मक सहयोग मिलते ही एक बाल स्कूल की स्थापना कर यह सिद्ध करने में जुट गई कि प्रतिभा दिन रात अखण्ड, अटूट यज्ञ करती हैै और अपने अस्तित्व का मूल्य अदा करने की कृतज्ञता भी रखती है।
क्षेत्रीय शोहरत की बुलंदियों की शोहरत सूबे की की सरहदें पार करती रहीं।
कालांतर में इस आधुनिक स्कूल की गूंज इस संदेश के साथ दिल्ली पहुची कि इस स्कूल में सर्वोच्च और आधुनिक शिक्षा पद्धति के साथ फीस के अभाव में किसी बच्चे का नाम नही काटा जाता। स्कूल का यह प्रण फ्रैंक फोर्ड इण्टर नेशनल यूनीवर्सिटी तक पहुंच गयी और अन्तर्राष्ट्रीय स्तरके इस विश्वविधालय से हेल्लो स्कूल आफ एक्सीलेंस की संचालिका/प्रधानाध्यापिका नाहिद अख्तर को मानद उपाधि से सम्मानित करने का न्योता मिला।
शनिवार को दिल्ली स्थित एक पांच सितारा होटल में अप्रतिम प्रतिभा की धनी नाहिद अख्तर को एकेडमिक वस्त्र व एकेडमिक हुड में विधिवत सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के आईजी विश्वमित्र आनन्द व यूनिवर्सिटी डीन डॉ. राजीव मिश्रा ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से अलंकृत कर डॉक्टर नाहिद खान की उपाधि प्रदान की। उस समय तालियों की गूंज के बीच डा. नाहिद अख्तर की विशेषता बताते हुये उदघोषणा की गयी कि उन्होने शिक्षा को प्राथमिकता दी व्यवसायिकरण को नही। साथ ही उल्लेख किया गया कि इन्होने पढाई में रचनाशीलता को प्रधानता देते हुए आधुनिक पद्धति का प्रयोग भी किया ताकि बच्चे खेल खेल में आसानी व्यवहारिक ज्ञान का अर्जन कर सकें क्योंकि पढाई में रचनाशीलता के कारण बच्चो को पढाई बोझ नही लगती।
इस अवसर पर गलोगोटिया विश्वविध्यालय के डीन डॉ .राजीव मिश्रा, सवोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं समाजसेवी उधला जगन, आकृति आदि के अलावा भारी संख्या में बुद्धिजीवियो और रिसर्च स्कालरो की उपस्थिति रही।



