Sonbhadra News : बिल्ली मारकुंडी खनन हादसे की जांच करने घटना स्थल पहुंची खनन निदेशक, जांच व मीटिंग के बाद तय होगा खनन का भविष्य
हादसे के बाद शनिवार को खनन निदेशक माला श्रीवास्तव सोनभद्र घटना स्थल पहुंचीं और अधिकारियों के साथ घटना स्थल का जायजा लिया। खनन निदेशक ने सभी बिंदुओं पर गहनता से अधिकारियों के साथ चर्चा की और समझा।

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7:44 PM, December 13, 2025
घनश्याम पांडेय/एम शर्मा (संवाददाता)
ओबरा (सोनभद्र)। बिल्ली मारकुंडी में कृष्णा माइनिंग पत्थर खदान में हुए हादसे ने जिले ही नहीं, पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। हादसे में सात मजदूरों की मौत के बाद खान सुरक्षा निदेशालय द्वारा लगाई गई रोक ने जिले की जीवनरेखा कहे जाने वाले खनन व्यवसाय को पूरी तरह ठप कर दिया है। एक साथ 37 खदानों के बंद होने से इसका असर अब सिर्फ खनन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मजदूरों की रोज़ी-रोटी, कारोबार, आम जनता और सरकारी राजस्व सभी पर गहरा संकट खड़ा हो गया है।
हादसे के बाद शनिवार को खनन निदेशक माला श्रीवास्तव सोनभद्र घटना स्थल पहुंचीं और अधिकारियों के साथ घटना स्थल का जायजा लिया। खनन निदेशक ने सभी बिंदुओं पर गहनता से अधिकारियों के साथ चर्चा की और मामले को समझा। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए खनन निदेशक माला श्रीवास्तव ने कहा कि निदेशक ने कहा कि बिल्ली मारकुंडी एक संपदा संपन्न क्षेत्र है और इसका विकास यहां के लोगों से जुड़ा हुआ है । उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के तरीकों पर विचार करने के लिए यह दौरा रखा गया है। उन्होंने कहा कि पट्टाधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद आगे की कार्ययोजना तय की जाएगी । लेकिन उन्होंने साफ किया कि पट्टाधारकों को हर हाल में सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। बंद खदानें कब तक शुरू होंगी इस सवाल पर खनन निदेशक ने कहा कि आज और कल इस पर विचार विमर्श किये जायेंगे और उसके बाद ही निर्णय लिया जायेगा।
आपको बतादें कि सोनभद्र में खनन कई मायनों में प्रमुख केंद्र माना जाता है । आज खनन बंद होते ही हजारों मजदूर बेरोज़गारी की मार झेलने को मजबूर हो गए हैं। दिहाड़ी मजदूरों के सामने परिवार पालने का सीधा संकट खड़ा हो गया है। वहीं स्टोन क्रशर संचालक, ट्रांसपोर्टर, डंपर टीपर मालिक और खनन से जुड़े व्यवसायी भारी आर्थिक दबाव में हैं। खदानें बंद होने से गिट्टी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिसके चलते मकान निर्माण में इस्तेमाल होने वाली गिट्टी के दाम तेजी से बढ़ गए हैं। यह अब आम व्यक्ति की पहुंच से बाहर होती जा रही है।
वहीं राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व नुकसान भी हो रहा है। बढ़ती महंगाई का असर सड़क निर्माण और अन्य सरकारी विकास कार्यों पर भी नजर आने लगा है, जिससे कई परियोजनाओं की लागत बढ़ने और काम प्रभावित होने की आशंका है।
लेकिन एक सच यह भी है कि खनन कार्य के दौरान बहुतेरे खनन नियमों को नहीं मानते जिसके कारण इस तरह की घटनाएं घटती हैं और फिर उसका दंश पूरा फील्ड झेलता है।
बहरहाल माना जा रहा है कि खनन निदेशक न सिर्फ हादसे वाली खदान, बल्कि अन्य खदानों की भी सुरक्षा मानकों के आधार पर जांच कर और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेंगी। फ़िलहल अब पूरे जिले की निगाहें इस दौरे पर टिकी हैं।



