Sonbhadra News : ईदगाह की जमीन क़ो वक्फ बोर्ड की सम्पति घोषित कर करा दिया कटरे का निर्माण, कोर्ट ने दिया FIR का दर्ज करने का आदेश
ईदगाह की जमीन क़ो वक्फ बोर्ड की जमीन बताकर उस पर कटरे का निर्माण कर 22 दुकानों क़ो कथित तौर पर आवंटित कर करोड़ों का लाभ कमाने के कथित मामले में न्यायालय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आलोक यादव की अदालत ने..

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7:32 PM, April 30, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । ईदगाह की जमीन क़ो वक्फ बोर्ड की जमीन बताकर उस पर कटरे का निर्माण कर 22 दुकानों क़ो कथित तौर पर आवंटित कर करोड़ों का लाभ कमाने के कथित मामले में न्यायालय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आलोक यादव की अदालत ने सुनवाई करते हुए इसे प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध मानते हुए रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस क़ो मामले में कर्बला संस्थान के कथित अध्यक्ष के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिया हैं।
ये है आरोप -
वादी अल्ताफ अहमद की तरफ से न्यायालय में प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि राबर्टसगंज नगर में स्थित मौजा बभनौली के आराजी नंबर 55 की भूमि श्रेणी 6-3, जो क़र्बला के नाम दर्ज माल कागजात है। उस पर किसी प्रकार की व्यवसायिक गतिविधि का संचालन या निर्माण नहीं किया जा सकता है। बावजूद मुश्ताक अहमद की ओर से स्वयं को कर्बला संस्थान का अध्यक्ष बन उक्त जमीन क़ो वक्फ बोर्ड की जमीन बताते हुए नियत प्राधिकरण सोनभद्र के समक्ष आराजी नंबर 55 में निर्माण के लिए गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया और कुछ लोगों सहयोग से नक्शा भी पास करा लिया जबकि कर्बला संस्थान के नाम से अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड में कोई संस्थान पंजीकृत नहीं है। आरोप है कि इसके बाद संबंधित जमीन पर 22 व्यवसायिक दुकानों का निर्माण करा दिया गया और सभी दुकानों का आवंटन निजी लाभ के लिए स्वयं को अंजुमन ईस्लामिया कमेटी राबटर्सगंज का अध्यक्ष बताते हुए कर दिया गया।
वादी के अधिवक्ता रविंद्र बहादुर सिंह ने आरोपों के जरिए दावा किया कि करोड़ों की भूमि पर गलत ढंग से बगैर किसी अधिकार के दुकानों का आवंटन करते हुए करोड़ों का गबन किया गया है। दुकानों के आवंटन में कर्बला की भूमि को वक्फ बोर्ड की संपत्ति ईदगाह बताते हुए सभी दुकानों का आवंटन अपने निजी लाभ के लिए किया गया है जबकि माल कागजात में कोई भी ईदगाह के नाम भूमि दर्ज नहीं है। आरोप लगाया गया है कि कागजातों में हेर-फेर एवं जालसाजी कर करोड़ों का गबन किया गया है। आवाज उठाने पर धमकियाँ दी जा रही हैं।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अभिलेख में कर्बला संस्थान नाम की नहीं है कोई संस्था दर्ज -
वादी के अधिवक्ता रविंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि "मामले में न्यायालय की ओर से हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए विधि निर्णय के परिप्रेक्ष्य में क्षेत्राधिकारी नगर से आख्या ली गई। इस संबंध उपजिलाधिकारी सदर की तरफ से किए गए आईजीआरएस निस्तारण से जुड़ी आख्या का अवलोकन किया गया। न्यायालय ने पाया कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की आख्या के अनुसार कार्यालय अभिलेख में कर्बला संस्थान नाम की कोई संस्था दर्ज नहीं है। वहीं क्षेत्राधिकारी नगर की आख्या से विदित है कि विपक्षी मुस्ताक द्वारा कर्बला की भूमि को ईदगाह की भूमि बताकर निर्माण कराया गया है जबकि उक्त भूमि मूलतः खतौनी में कर्बला के नाम दर्ज है। इस प्रकार श्रेणी6-3 पर अवैध तरीके से 22 दुकान का निर्माण कराकर अनुचित लाभ लेते हुए गलत तरीके से दुकानों का आवंटन कर आर्थिक गबन किया गया है। कोर्ट ने पत्रावली के अवलोकन करते हुए इसे प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध मानते हुए रॉबर्ट्सगंज थाना प्रभारी क़ो FIR दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने माना कि इसकी विवेचना के बगैर वास्तविक तथ्य न्यायालय के समक्ष आना संभव नहीं है।"