Sonbhadra News : सील अस्पताल में चल रहा था 'मौत का खेल', जच्चा-बच्चा की मौत से खुली पोल

जिले में निजी अस्पताल संचालक स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही को ठेंगे पर रखते है। जच्चा-बच्चा की मौत ने जिले के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के गोरखधंधे को एक बार फिर बेनकाब किया है। दुद्धी कस्बे के....

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जच्चा-बच्चा की मौत के बाद निजी हॉस्पिटल के बाहर हंगामा करते परिजन....

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9:50 PM, October 29, 2025

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आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)

सोनभद्र । जिले में निजी अस्पताल संचालक स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही को ठेंगे पर रखते है। जच्चा-बच्चा की मौत ने जिले के निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के गोरखधंधे को एक बार फिर बेनकाब किया है। दुद्धी कस्बे के रामनगर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक 22 वर्षीय प्रसूता महिला सोनी पत्नी नीरज कुशवाहा व नवजात की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। वहीं पुलिस के पहुंचने से पहले ही अस्पताल का संचालक, स्टाफ और डॉक्टर शव को सीएचसी दुद्धी भेजवा कर मौका देखकर फरार हो गए। चौंकाने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में ना सिर्फ अपंजीकृत है बल्कि यह हॉस्पिटल सीज भी है और इस पर FIR दर्ज कराया गया है।

आज सुबह दुद्धी कस्बे के रामनगर स्थित देव हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा की मौत से परिजनों में मातम छा गया और परिजन दहाड़े मार -मारकर रोने लगे। जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। अस्पताल संचालक व डॉक्टरों ने मृतक जच्चा-बच्चा के बड़े चालाकी से सरकारी अस्पताल भेजकर फरार हो गए ज़ब मरीज के परिजन सरकारी अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने सोनी (22वर्ष) पत्नी नीरज कुशवाहा को देखते ही मृत घोषित कर और अस्पताल के मेमो जारिये दुद्धी पुलिस को सूचना दिया। प्रसूता के मौत की जानकारी मिलते ही सीज अस्पताल पहुंचे परिजन तो हॉस्पिटल पर ताला बंद मिला। परिजनों ने बंद अस्पताल के बाहर मृतका का शव वाहन बाहर खड़ा कर जमकर हंगामा किया। घटना की जानकरी मिलते ही मौके पर पहुँची पुलिस परिजनों को समझाने-बुझाने में जुटी रही। उधर अस्पताल संचालक मरीज के परिजनों पर समझौता के लिए दबाव बनाने में लगा रहा। चौंकाने वाली बात यह है कि एसीएमओ द्वारा कई बार सीज करने के बाद भी संचालक द्वारा बार-बार ताला तोड़कर अवैध तरीके से अस्पताल चलाये जाने पर एसीएमओ द्वारा मुकदमा दर्ज के लिए दुद्धी थाने में तहरीर भी दिया गया था बावजूद इसके ना तो उक्त हॉस्पिटल पर पुलिस ने फिर दर्ज किया और ना ही कोई अन्य कार्यवाही ही की।

मृतका के भाई गणेश कुशवाहा ने बताया कि मेरी बहन सोनी देवी पत्नी नीरज कुमार कुशवाहा ग्राम धनहवा टोला बभनी की 2020 में धूमधाम से शादी की गई थी। पिछले दो वर्षों से उसकी बहन और बहनोई अपनी ससुराल मेदनीखाड़ में ही साथ रहते है। उसकी बहन 9 महीने से प्रेगनेंट थी जिसका इलाज दुद्धी स्थित देव हॉस्पिटल में चल रहा था। प्रसव पीड़ा होने पर उसे मंगलवार की रात 11 बजे डिलीवरी के लिए देव हॉस्पिटल लाया गया था। जहां अल्ट्रासाउंड करने पर उसकी बहन के गर्भ में जहां मृत बच्चा मिला, जिसके बाद डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी कर मृत बच्चे को बाहर निकल गया। वहीं कुचब समय बाद उसकी बहन की हालत बिगड़ने लगी तो डॉक्टर ने उसे कुछ देर बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। परिजन जब उसे अस्पताल लेकर गए तो मौके पर उपस्थित चिकित्सकों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। मृतका के भाई ने उक्त अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग किया है।

इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि "अस्पताल के मेमो जरिए सूचना प्राप्त हुई है, एक अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत हुई है, जिनका शव कब्जे में लेकर पीएम के लिए पोस्टमॉर्टम के लिए भेजवा दिया गया है तथा मृतका के पिता उदय कुशवाहा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।"

प्रभारी सीएमओ डॉ0 पी0एन0 राय ने बताया कि "देव हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा के मौत की सुचना मिली है, पूर्व में उक्त हॉस्पिटल को सीज कराया गया था लेकिन पुनः हॉस्पिटल संचालक ने ताला तोड़कर अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया था, जिस पर दुद्धी थाने पर तहरीर दी गई थी। अब पुलिस अधीक्षक को सील हॉस्पिटलों की सूची देकर आवश्यक विधिक कार्यवाही के लिए कहा जायेगा।"

हालांकि लोगों का कहना है कि "केवल जांच का भरोसा दिलाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि दोषियों को सजा और अवैध अस्पतालों पर ताले लगाना जरूरी है।"

बहरहाल इस पूरे प्रकरण ने स्वास्थ्य व्यवस्था और पुलिस विभाग के कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। ऐसे में ज़ब देव हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दिनों पूर्व सील कर FIR के लिए तहरीर दे दिया था तो बगैर स्वास्थ्य महकमे के मिलीभगत के यह कैसे संचालित होता रहा। इस घटना ने एक बार फिर जिला स्वास्थ्य तंत्र की पोल खोल दी है और साफ कर दिया है कि अगर प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए तो आम जनता की जान यूं ही दांव पर लगती रहेगी।

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