Sonbhadra News : आस्था या अन्धविश्वास ! बाबा ने खौलते दूध से किया स्नान, बोले- श्री कृष्ण की कृपा से शरीर पर पड़ते ही ठंडा हो जाता है खौलता दूध
हर साल की तरह इस बार भी मारकुण्डी स्थित वीर लोरिक स्मारक पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। देश भले ही आधुनिक होकर आगे बढ़ रहा है लेकिन आस्था के नाम पर अभी भी कई लोग पुरानी मान्यताओं से बाहर नहीं.....

मारकुण्डी घाटी स्थित वीर लोरिक स्मारक के नीचे गोवर्धन पूजा कराते पतिवाह बाबा......
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5:52 PM, October 22, 2025
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
सोनभद्र । विज्ञान के युग आज भी कुछ ऐसे कारनामें होते हैं, जिसे देख हर कोई दांतों तले अंगुलियां दबाने के लिए विवश हो जाता है। कुछ ऐसा ही वाक्या आज सोनभद्र जिले के मारकुण्डी स्थित वीर लोरिक स्मारक के पास दिखा। हर साल की तरह इस बार भी मारकुण्डी स्थित वीर लोरिक स्मारक पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। देश भले ही आधुनिक होकर आगे बढ़ रहा है लेकिन आस्था के नाम पर अभी भी कई लोग पुरानी मान्यताओं से बाहर नहीं निकल पाए हैं। कुछ इसी तरह की मान्यता लोरिक स्मारक से जुड़ी है, जो ऐतिहासिक स्थल माना जाता है।
आस्था या अन्धविश्वास -
वीर लोरिक स्मारक स्थल पर होने वाली गोवर्धन पूजा अनोखी है। अद्भुत है, अजीब है, क्योंकि खौलते दूध से खुद को जलाने की इस परंपरा में ना तो कोई जख्मी होता है और न ही जलता है। खौलते दूध से नहाने की रस्म सदियों से निभाई जा रही है। पूजा के दौरान पुजारी बाबा खौलते हुए दूध से स्नान करता है। दूध में चावल पड़ा होता है, जो पूजा कराने वाले पंडित के आंखों पर डाला जाता है, इस बार भी ऐसा हुआ।
बारी-बारी खौलते दूध से किया स्नान -
जनपद मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर दूर स्थित वीर लोरिक स्थल पर गोवर्धन पूजा में कई मटकों में दूध भरा जाता है और उसे आग पर खौला लिया जाता है। इसके बाद पुजारी बारी-बारी से इन मटकों में रखे गर्म दूध से स्नान करते हैं। पूजा के दौरान पुजारी हवन कुंड में अपने सिर और शरीर को आग के पास ले जाकर श्रद्धा प्रकट करते हैं, जिसे देखकर उपस्थित श्रद्धालु आश्चर्यचकित रह जाते हैं। यह आयोजन सैकड़ों लोगों के सामने होता है और इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ तब तक बनी रहती है जब तक पूजा समाप्त नहीं हो जाती।
स्थानीय लोग मानते हैं इसे शक्ति व भक्ति का प्रतीक -
इस दौरान खौलते दूध का प्रसाद भी वितरित किया जाता है, जिसे पाने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखा जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह शक्ति और भक्ति का प्रतीक है और इसमें शामिल होने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वीर लोरिक स्थल का ऐतिहासिक महत्व -
वीर लोरिक स्थल का अपना ऐतिहासिक महत्व है और वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थित यह स्थान गोवर्धन पूजा के समय एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन जाता है। यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और इस पूजा के अंत में भंडारे का आयोजन भी होता है।
खौलते दूध से नहाने पर भी नहीं जलते -
पूजा कराने वाले (पतिवाह) राजेंद्र बाबा से जब यह पूछा गया कि गर्म दूध से नहाने पर क्यों नहीं जलते तो उन्होंने जवाब दिया कि सब भगवान कृष्ण की कृपा है, जलते नहीं हैं, भक्ति से शक्ति होती है और शक्ति से भक्ति की जाती है, जो लोग पूजा में निमित्त नियमों का पालन करके आते हैं, वो खोलते हुए दूध से नहाने के बाद भी नहीं जलते और जो पूजा के नियमों का पालन नहीं करते, उनको परेशानी होती है। गोवर्धन पूजा के बारे में कहा जाता है कि भगवान कृष्ण गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी, तब से लेकर इस स्थान पर ये परंपरा चली आ रही है।
पुजारी ने भविष्यवाणी से किया इंकार -
पुजारी राजेंद्र यादव ने बताया कि गोवर्धन पूजा के रूप में वे सभी भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। दूध से स्नान करने की परंपरा इसी पूजा से जुड़ी हुई है। उनका दावा है कि उन्हें ऐसी शक्ति प्राप्त होती है, जिससे खौलता हुआ दूध भी उन पर असर नहीं करता है। पुजारी राजेंद्र यादव ने बताया कि यह पूजा अच्छी वर्षा के लिए की जाती है और उन्होंने आने वाले समय में अच्छी वर्षा होने की बात कही। प्रत्येक वर्ष पुजारी आगामी वर्ष के लिए कुछ भविष्यवाणियां भी करते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ भी भविष्यवाणी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि समय आने पर वे भविष्यवाणी भी करेंगे।
सैकड़ों की भीड़ रही उपस्थित -
पूजा के दौरान हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित थी, जिसमें यादव समाज के प्रमुख लोग सपा के जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख संजय यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव समेत तमाम लोग मौजूद थे। सभी ने पूजा के दौरान पुजारी का उत्साहवर्धन किया।



