Sonbhadra news : विद्युत सुधार बिल 2025 से बिजली कर्मचारी संघ नाराज़, 51 वें महासम्मेलन में संभावित नुकसान पर गहन विचार-विमर्श
उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ का 51वां महासम्मेलन सोनभद्र के ओबरा में शुरू हुआ।

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6:56 PM, November 6, 2025
घनश्याम पाण्डेय (संवाददाता)
ओबरा - गुरूवार को उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ का 51वां महासम्मेलन सोनभद्र के ओबरा में शुरू हुआ। जिसमे राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर कामगारों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। विशेष रूप से देश में ऊर्जा उद्योग के निजीकरण और विद्युत सुधार बिल 2025 (इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल) से किसानों, मजदूरों, कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं को होने वाले संभावित नुकसान पर गहन विचार-विमर्श किया गया। बिजली कर्मचारी संघ के नेताओं ने कहा सरकार अम्बानी और अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए बिजली विभाग सहित अन्य सरकारी विभागों का निजीकरण करने का कार्य कर रही है। आज 6 नवंबर 2025 को उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ का 51वां महासम्मेलन शुरू हुआ। संघ के अध्यक्ष जवाहरलाल विश्वकर्मा ने झंडा उत्तोलन कर कार्यवाही का शुभारंभ किया। सम्मेलन की अध्यक्षता गठित अध्यक्ष मंडल के सदस्यों कामरेड जवाहरलाल विश्वकर्मा, कामरेड केसर सिंह रावत, कामरेड वी.के. अवस्थी और कामरेड राम कृपाल यादव ने की। अखिल भारतीय विद्युत कामगार महासंघ के महामंत्री कामरेड मोहन शर्मा ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर कामगारों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। विशेष रूप से देश में ऊर्जा उद्योग के निजीकरण और विद्युत सुधार बिल 2025 (इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल) से किसानों, मजदूरों, कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं को होने वाले संभावित नुकसान पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
मोहन शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि भारत सरकार ने इस बिल को पारित करने की प्रक्रिया जारी रखी, तो 30 जनवरी 2026 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश भर के समस्त कामगारों द्वारा विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसका उद्देश्य सरकार पर बिल रोकने के लिए दबाव बनाना है। इस महासम्मेलन में लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें उत्तर प्रदेश ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अध्यक्ष कामरेड बी.के. सिंह, महामंत्री कामरेड चंद्रशेखर, सीपीआई के राज्य सचिव कामरेड अरविंद राज स्वरूप, झारखंड से बैजनाथ सिंह, राजस्थान बिजली बोर्ड के नेता केशव व्यास और कामरेड के.डी. द्विवेदी जैसे प्रमुख नेता उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में ओबरा तापी परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक आर.के. अग्रवाल, जीएम एस.एन. मिश्रा और सीजीएम एस.के. सिंगला भी शामिल थे।



